वन्दे मातरम
A-Revolutionary-राजेंद्रनाथ लाहिड़ी
लेकिन एक विश्वासघाती ने इस योजना की सूचना अंग्रेजों को दे दी। इसलिए लाहिड़ी को तय तारीख से पहले फांसी दे दी गई थी। शहीद राजेंद्रनाथ लाहिड़ी ने छह अक्टूबर को अपने पिता को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने लिखा था, गोंड़ा जेल से पहले उन्हें बाराबंकी जेल में सूचना दी गई थी।
कि वह सप्ताह भर के अंदर फांसी पर लटका दिये जाएंगे। इसलिए मैंने यह महसूस किया कि यह मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं अपने रिश्तेदारों और शुभचिंतकों, जिन्होंने मेरा केस लड़ा, को अपना आभार प्रकट करुं। आप सभी मेरे नमस्कार को स्वीकार करें।
मेरे लिए मौत सिर्फ शरीर का परिवर्तन है। ठीक उसी प्रकार जैसे पुराने कपड़ो को त्याग कर व्यक्ति नए कपड़े पहन लेता है। मौत आ रही है और मैं उसका खुशी-खुशी स्वागत करुंगा। जेल से मैं इससे ज्यादा नहीं लिख सकता।
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