एडीटोरियलट्रिगर न्यूज
License Cancellation एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक कदम
साल 2011 में शालीमार बाग मैक्स अस्पताल दिल्ली नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन एक्ट-1953 के तहत रजिस्टर किया गया था। रजिस्ट्रेशन के समय यह बीस बेड का था। म़ात्र तीन साल के अन्दर ही यह 250 बेड का कर दिया गया। आखिरकार तीन सालों में ही इतना बेइंतहा धन कहॉं से आ गया?
क्या इस पर ध्यान देने की कोई योजना आईएमए के पास है? क्या फार्मासिटिक्यूअल कम्पनी और डॉक्टरों की दुरभिसन्धि की कोई रिर्पोट उसके पास है? क्या कभी ऐसा कोई सर्वे उन्होंने किया कि कोई फार्मासिटिक्यूअल कम्पनी डॉक्टरों को अपने खर्चों पर विदेश क्यों भेजती हैं?
उन्हें मुफ्त में एसी, फ्रिज, मंहगी कारें और बहुत सी सुविधाएं किसलिए उपलब्ध कराती है? अध्यक्ष जी कुछ तो शर्म खाइये। जिन्दगी ज्यादा किसी को नहीं मिली है। आप मरीजों के लिए भगवान हो सकते हैं। यमराज की दस्तक आपके यहॉं भी होनी ही है। उसके लिए तो आप कतई भगवान नहीं हैं।
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