एडीटोरियलट्रिगर न्यूज
License Cancellation एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक कदम
इस अस्पताल का लाइसेंस 31 मार्च 2020 तक मान्य था। लेकिन एक दिसंबर को जिंदा बच्चे को मृत घोषित करने के अलावा भी कई अनियमितताएं इस अस्पताल की जांच में पाई गईं।
शालीमार बाग मैक्स अस्पताल डीडीए की जमीन पर बना हुआ है। दिल्ली सरकार ने अस्पताल को जारी नोटिस में अस्पताल की लीज़ क्यों न रद्द की जाए, इस बारे में भी सवाल पूछा था।
हेल्थ मिनिस्ट्री के नोटिस का अस्पताल प्रशासन ने जवाब भी भेजा, जिससे सरकार संतुष्ट कैसे हो सकती थी। एक तरफ जवाब भेजते हैं, वहीं दूसरी तरफ कहते हैं कि सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। क्या विरोधाभाष है।
अरे ऐसे कृृत्य पर तो डॉक्टर की गिरफ्तारी ही नहीं होनी चाहिए, बल्कि उस पर धारा-302 का मुकदमा पंजीकृृत होना चाहिए, जिसने बच्चे को मृत घोषित किया। डॉक्टर की गिरफ्तारी तो दिल्ली सरकार करा नहीं सकती क्योंकि दिल्ली का मुख्यमंत्री तो एक दारोगा के ट्रान्सफर की हैसियत नहीं रखता। हत्या का मुकदमा दर्ज कराना तो दूर की कौडी है।
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