एडीटोरियलट्रिगर न्यूज
License Cancellation एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक कदम
आधे घन्टे के 750 रूपये वसूले और घर भेज दिया एक दवाई स्पॉज देकर कि अब ज्यादा परेशानी हो तो ये ले लेना और सुबह फिर आकर ओपीडी में दिखा लेना। जब मरीज को ओपीडी के ही लायक था तो रात में ईसीजी किये जाने की क्या आवश्यकता थी।
क्या अभीतक आईएमए ने मैक्स अस्पताल अथवा उस डॉक्टर अथवा उन कुछ कर्मचारियों पर किसी कार्रवाई का ऐलान किया। यदि डॉक्टर पर कार्रवाई किया जाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है, तो इस प्रकरण पर बोलने का भी उनको कोई हक नहीं है।
यदि उनके पास डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने का हक है तो अबतक उन्होंने उस डॉक्टर पर कार्रवाई क्यों नहीं की। क्या उनकी संस्था केवल गुनहगार डॉक्टरों का बचाने का ही ठेका लिए हुए है?अध्यक्ष ने संवेदनहीनता का ही बयान दिया। उनके बयान में उस बच्चे को मृृत घोषित किये जाने पर कोई अफसोस नहीं था। वाह रे अध्यक्ष!
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