मुख्यमंत्री ने ‘सेफ सिटी परियोजना’ की प्रगति की समीक्षा की
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक में ‘सेफ सिटी परियोजना’ की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को सफल बनाने के लिए जनसहयोग जरूरी है। उन्होंने व्यापारियों, संस्थान संचालकों और आमजन को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पुलिस थानों को अगले एक सप्ताह के भीतर सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत मॉडर्न कन्ट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को ‘सेफ सिटी’ के रूप में विकसित किया जाएगा। दूसरे चरण में 57 जनपद मुख्यालयों की नगर पालिकाओं और तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में सेफ सिटी परियोजना महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित है। उन्होंने इसे विस्तार देते हुए बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांग जनों की सुरक्षा से भी जोड़ने का आह्वान किया।
बैठक में विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों ने सेफ सिटी परियोजना के संबंध में अब तक की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आगरा, अलीगढ़, बरेली, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर व वाराणसी स्मार्ट सिटी में पुलिस ने 9,396 स्थानों को सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के लिए चिन्हित किया है। इनमें से 3,489 जगहों पर कैमरे लगाए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने ‘यूपी सेफ सिटी एप’ को व्यावहारिक बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह में एक बार जनपद स्तर पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगजन के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। सफल महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, दिव्यांगजन की पहचान कर उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेफ सिटी की परिकल्पना को साकार करने के लिए सार्वजनिक परिवहन वाले वाहन चालकों का सत्यापन आवश्यक है। ऐसे में, टैक्सी, ई-रिक्शा, ऑटो, टेम्पो आदि वाहनों के चालकों का विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन किया जाए।