चुनाव आयोग के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं कि जहां ईवीएम से वोट पड़े वहां भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा, लेकिन वे इसकी भी पुष्टि करते हैं कि जहां बैलट पेपर से मतदान हुआ वहां भी भाजपा के मुकाबले, सपा, बसपा और कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक स्थिति तक रहा।
ईवीएम से हुए निगम पार्षदों के चुनाव में जीते भाजपा प्रत्याशियों का प्रतिशत करीब 45 रहा और सपा, बसपा एवं कांग्रेस का क्रमश: 15, 11 और 8 ही रहा। तो बैलट पेपर से हुए पालिका सदस्यों के चुनाव में जहां भाजपा के जीते प्रत्याशियों का प्रतिशत 17 रहा। तो सपा, बसपा और कांग्रेस के जीते प्रत्याशियों का प्रतिशत क्रमश: 09, 05 और 03 ही रहा।
ठीक ऐसी ही स्थिति पंचायत सदस्यों की जीत के मामले में रही। आंकड़ों से यह साफ है कि जहां ईवीएम से मतदान हुआ वहां भाजपा की तरह सपा, बसपा और कांग्रेस के जीते प्रत्याशियों का भी प्रतिशत अधिक रहा।
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