हालात ये हो गये कि यह विरोध एक ज्वालामुखी का रूप लेने लग गया। भाजपा की जीत में ईवीएम की भूमिका को जोड़कर उसे और संदिग्ध करार देने के लिए सहारनपुर की निर्दलीय प्रत्याशी शबाना का एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर लोड किया गया।
इस वीडियो में शबाना बोलती दिखाई दे रही थी कि उन्हें जीरो वोट मिले। इसके बाद पाकिस्तानी प्रचार शुरू हुआ कि आखिरकार जब ईवीएम में गड़बड़ी नहीं है तो उसे जीरो वोट कैसे मिले? उनके घर के ही दस वोट हैं। जिसने भी वह वीडियो देखा, दांतों तले उंगली दबा ली कि-ऐसा भी हो रहा है।
आखिरकार शबाना का खुद का और उनके घर वालों का वोट कहां गया? शबाना के इस वीडियो को ईवीएम में गड़बड़ी के पुख्ता सुबूत के तौर पर प्रचारित और प्रसारित किया जाने लगा। सरकार और चुनाव आयोग निष्पक्ष संस्थान के खिलाफ इस षडयन्त्रकारी झूठे वीडियो को जिन लोगों ने भी सच के लबादे में ओढ़ाकर पेश किया, उनके खिलाफ jhoontha aur fareb का माहौल बनाने के लिए संवैधानिक संस्था से जॉच कराई जानी चाहिए।
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