मामला सीधा-सीधा ये नजर आता है कि इस अस्पताल ने दूसरे अस्पतालों को भी अपना लॉयजनिंग एजेन्ट बना रखा है-कि जो अस्पताल मरीज रेफर करेगा उसका अच्छा खासा कमीशन उसको मिलेगा। मोटे कमीशन के लालच में ही ये अस्पताल भेड़िये बन गये हैं।
ऐसी हरकतों और डकैती के बाद भी मेडीकल एसोसियेशन के अध्यक्ष द्वारा इनका साथ देना निश्चित करता है कि ये एक बड़ा अपराधी गैंग है, जो डॉक्टर के भेष में मरीज की जान ले रहा है और उनके परिजनों को लूट रहा है।
भीम सिंह को 27 अप्रैल 2016 को पेट में दर्द की शिकायत के चलते पार्क अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उनका ऑपरेशन किया गया। क्यों किया गया आपरेशन? आपरेशन के बाद दिमाग की नस कैसे सूज गई?
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