अगले दिन डॉक्टर्स ने कहा कि उनके दिमाग में सूजन हो गई है और हो सकता है कि लकवा मार जाए। जब डॉक्टर इतने बड़े काबिल थे कि उनको सब पता था कि क्या से क्या हो सकता है तो पेट का आपरेशन किसलिए किया?
जबरन पैसों की खातिर किये गये आपरेशन के बाद भीम सिंह को वेंटिलेटर पर रखकर आगे उनके परिजनों का खून पीने के लिए उन्हें फोर्टिस अस्पताल रैफर कर दिया गया। फोर्टिस में इलाज करने में देरी की गई जिसकी वजह से उनकी किडनी खराब हो गई। लेकिन फोर्टिस ने 36 लाख 68 हजार रूपये वसूल लिए।
समझ से ये परे है कि ये मरीजों का इलाज करने वाले अस्पताल हैं या उनकी धन लूटकर उन्हें परलोक पहुंचाने वाले व्हाइट कॉलर क्रिमिनल? डॉक्टर रूपी ऐसे माफियाओं का इलाज सम्भव है अथवा ये लाइलाज बीमारी हैं।
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