साइबर संवाद

सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति

केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई के नए प्रमुख का चयन करने के लिए कल 24 मई, शाम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक में, भारत के मुख्य न्यायाधीश, एन0वी0 रमना ने एक नियम का उल्लेख करके कम से कम दो सरकारी विकल्पों को दौड़ से बहार कर दिया ।

90 मिनट की बैठक के बाद, उच्चस्तरीय चयन पैनल में प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई), और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने तीन नामों पर विचार किया।

● महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल।
● सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक के0आर0 चंद्रा और
● गृह मंत्रालय के विशेष सचिव, वी0एस0के0 कौमुदी।

सबसे वरिष्ठ, सुबोध कुमार जायसवाल हैं और कथित तौर पर पैनल में सबसे उपयुक्त भी हैं।
पैनल में चर्चा के दौरान मुख्य न्यायाधीश, रमना ने छह महीने के नियम का बिंदु उठाया। इस बिंदु का उल्लेख सीबीआई निदेशक के चयन के संदर्भ में पहले कभी नहीं किया गया था। न्यायमूर्ति रमना ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का संदर्भ प्रस्तुत किया जिसमें कहा गया है कि-

जिन अधिकारियों की सेवा में छह महीने से कम का समय बचा है, उन्हें पुलिस प्रमुख पदों के लिए योग्य नहीं माना जाना चाहिए। सीबीआई प्रमुख भी पुलिस प्रमुख ही होता है। वह भी डी0जी0 होता है। सीजेआई ने कहा, चयन पैनल को कानून का पालन करना चाहिए।

सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता के रूप में पैनल में उपस्थित अधीर रंजन चौधरी ने तीन सदस्यीय समिति में बहुमत का समर्थन देते हुए, सुप्रीम कोर्ट के इस नियम का समर्थन किया। इस नियम के कारण, 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख, राकेश अस्थाना और 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख वाई0सी0 मोदी को अयोग्य घोषित कर दिया गया।

राकेश अस्थाना और वाई0सी0 मोदी, प्रधानमंत्री के विश्वस्त अधिकारी समझे जाते हैं। राकेश अस्थाना को ही लेकर, सीबीआई के पूर्व प्रमुख, आलोक वर्मा से सरकार का विवाद हुआ था और सरकार ने रातों-रात उनका तबादला कर दिया था। लगभग चार महीने की देरी के बाद पीएम मोदी के आवास पर पैनल की बैठक हुई।

Appt. of CBI Dir.
Appt. of CBI Dir.

अधीर रंजन चौधरी ने लिस्ट में शामिल नामों पर कोई एतराज नहीं जताया, लेकिन एक असहमति जताते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने उम्मीदवारों की लिस्ट बनाने में अनौपचारिक दृष्टिकोण का पालन किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें मूल रूप से 109 नाम मिले थे, जिन्हें पैनल की बैठक से पहले 16 नामों में बदल दिया गया था।

उन्होंने कहा, 11 मई को मुझे 109 नाम दिए गए, और आज दोपहर 1 बजे तक 10 नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया। जबकि शाम 4 बजे तक छह नाम रह गए। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग का यह रवैया बेहद आपत्तिजनक है।

 

Vinay Kumar Singh
Vinay Kumar Singh

 

विजय शंकर सिंह, जन विचार संवाद की फेसबुक वॉल से साभार

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