एनालिसिस
भाजपा को Warning और कांग्रेस को Lesson
इसी प्रकार हम यह भी जानते हैं कि गुजरात में भाजपा को हराने के लिए चारों तरफ से अभिमन्यु जैसा चक्रव्यूह बनाने का प्रयास किया गया। ऐसे प्रयासों के बाद भी भाजपा ने केवल सत्ता बचा पाने में ही सफलता प्राप्त की।
इस चुनाव में एक और खास बात यह दिखाई दी, वह यह है कि कांग्रेस की ओर से जातिवाद का खेल खेला गया। इस जातिवाद के सहारे ही कांग्रेस की सीटों में बढ़ोत्तरी हुई। खैर, जो भी हो, परिणाम आ चुके हैं और दोनों राज्यों में भाजपा की सत्ता आ चुकी है।
यहां सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि जो सत्ता विरोधी रुख हिमाचल में दिखाई दिया, वह गुजरात में कतई दिखाई नहीं दिया। सवाल यह भी है कि जिस प्रकार से कांग्रेस की ओर से राजनीतिक प्रभाव बढ़ने के बयान आ रहे हैं, वे नये अध्यक्ष को भरमाने के लिए काफी हैं।
वरना उन्हें स्वंय सोचना चाहिए कि यदि देश में कांग्रेस के प्रति जनता का इतना ही रूझान है और कांग्रेस का राजनीतिक प्रभाव बढ़ा है तो फिर कांग्रेस हिमाचल में क्यों हार गई? ये सवाल राहुल गॉंधी को उनके सामने पड़ने वाले नेताओं से जानने के साथ ही कांग्रेस को सच्चाई का भी सामना दृढ़ता से करना चाहिए।
सुरेश हिन्दुस्थानी
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं)
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