धोखा-धड़ी
Ramdev ने आयुर्वेद को बदनाम किया है
Ramdev जैसे लोगों ने आयुर्वेद को और अधिक बदनाम किया है। अगर आप आयुर्वेद से लाभ ही लेना चाहते हैं तो धूतपापेश्वर, नागार्जुना और आर्यवैद्यशाला की शरण में जाइये। इनकी दवाइयां ऐलोपैथी से ज्यादा कारगर हैं। इसका कारण ये है कि ये परंपरागत ज्ञान को संभालने के साथ साथ नये रोगों पर शोध भी कर रहे हैं।
अंग्रेजों ने आयुर्वेद को खत्म करने के लिए हर संभव अत्याचार किये। हैदराबाद के वैद्य राजू बताते हैं कि उनके पूर्वज पीढ़ियों से वैद्य रहे हैं। नाड़ी परीक्षण के ऐसे जानकार कि आपके हाथ पर अंगुलियां रखकर शरीर का सिटी स्कैन और एमआरआई कर दें।
लेकिन अंग्रेजों को यह सब पसंद नहीं आया तो जहां वैद्य मिलते थे उनकी अंगुलियां काट ली जाती थीं ताकि वो नाड़ी परीक्षण ही न कर सकें। फिर विज्ञान के नाम डराने धमकाने का काम तो आजादी के बाद भी चल ही रहा है। भारत की इस आयुर्विद्या को आधुनिकता के नाम पर कूड़ेदान में फेंक दिया गया।
राज्यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।