गुजरात से पहले होंगे UP निकाय चुनाव
इस बात की चर्चा थी कि गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ UP निकाय चुनाव होंगे। लेकिन अब खबर आ रही है कि यूपी में स्थानीय निकायों के चुनाव होने जा रहे हैं…..
UP में भाजपा की सरकार बनने के बाद पहली बार भाजपा चुनाव का सामना करेगी और वह भी इतने बड़े पैमाने पर। ये चुनाव योगी सरकार और नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय के लिये बड़ा इम्तिहान हैं।
यूपी भाजपा और राज्य की योगी आदित्यनाथ की सरकार के लिहाज से ये चुनाव खास हैं। लेकिन उससे भी खास बात यह है कि ये चुनाव गुजरात के विधानसभा चुनाव से पहले होंगे। और इसकी जीत का प्रचार गुजरात में होगा, जैसे महाराष्ट्र के पंचायत चुनाव की जीत का प्रचार खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट करके किया।
बीजेपी आलाकमान निकाय चुनाव की जीत हार का मतलब बखूबी समझता है। इसलिये बीजेपी स्थानीय निकाय चुनाव को बहुत गंभीरता से लड़ने जा रही है।
हाल ही में कानपुर में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी में निकाय चुनाव को लेकर गंभीर चिंतन-मंथन हुआ है। जिसमें नेताओं व मंत्रियों को खास जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
गंभीरता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि पहली बार पार्टी इसके लिए घोषणापत्र जारी करेगी। लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह घोषणापत्र बनाने और प्रचार की तैयारी है।
सरकार और चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों की माने तो चुनाव की घोषणा किसी समय भी हो सकती है। माना जा रहा है कि दिवाली और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय त्योहार छठ के बाद चुनाव होंगे। पूरे नवंबर चुनाव होने की संभावना है और दिसंबर में गुजरात चुनाव से पहले नतीजे आ जाएंगे।
बीजेपी के जानकार नेताओं का कहना है कि गुजरात और उत्तर प्रदेश का कनेक्शन बड़ा है। एक प्रधानमंत्री की जन्मभूमि है और दूसरी कर्मभूमि है। कर्मभूमि यानी उत्तर प्रदेश में जीत का बड़े संदेश जन्मभूमि तक जाएगा।
पीएम मोदी हमेशा कहते रहे हैं कि वे उत्तर प्रदेश के गोद लिया हुआ बेटा हैं। सो, अगर वहां भाजपा को बड़ी जीत मिलती है, जैसा कि पार्टी नेताओं को लग रहा हैतो उसका प्रचार गुजरात में भी होगा।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुजरात में प्रचार शुरू कर चुके हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में मिली भारी भरकम जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
वे हर जीत का श्रेय मोदी को देकर गुजरात गौरव का भाजपा का कार्ड मजबूत करेंगे। राजनीतिक विशलेषकों की माने तो इलाहाबाद विवि छात्रसंघ में एबीवीपी की और गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार विपक्षी भुनाने की कोशिश करेंगे। (फाइल फोटो)
NIS ब्यूरो