पंचतंत्र
PanchTantra-टका नहीं तो टकटका भाग-1
कहां तो यह पेशा इतना पवित्र माना जाता था कि इसे तेजस्वी ऋषियों-मुनियों और तपस्वियों के लिए आरक्षित रखा गया था। कहां आज हालात यह हैं कि इस पेशे में कपटी और नीच भिखारियों के आ जाने से न तो इसका कोई मान है न शान।
राजा की सेवा का यह हाल है कि राजा मुंह मांगा वेतन देता नहीं। जो देता है वह समय पर नहीं देता। राजसेवकों को रिश्वत और कमीशन का सहारा लेना पड़ता है और सतर्कता अधिकारियों से, जो वे ही काम अधिक सतर्कता से करते हैं, डरते हुए दिन काटना पड़ता है।
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