SGPGI लखनऊ में दलालों का बोलबाला, 500 रूपया में खून और 5000 में सीटी स्कैन, वार्ड असिस्टेंट सस्पेंड
एसजीपीजीआई अस्पताल में दलालों का बोलबाला है। दलाल कोई बाहरी नहीं है बल्कि अस्पताल में काम करने वाले नुमाइंदे है, जो बाहर से आए मरीजों के तीमादरदारों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं।
अस्पताल के दलालों के गैंग का खुलासा एक मरीज के बेटे ने किया। उसने दलाल की वीडियो और आर्डियो रिकार्डिंग कर डायरेक्टर से शिकायत की, जिसके बाद डायरेक्टर ने पूरे मामले की जांच कर वार्ड असिस्टेंट को सस्पेंड कर दिया और पुलिस को सूचना दी।
जानकारी के मुताबिक अस्पताल में एडमिट मरीज परसरामपुर तहसील सदर थाना नगर प्रतापगढ़ निवासी राहुल शर्मा पेशे से अधिवक्ता है। उनके पिता को डायबटीज होने के चलते तबीयत ज्यादा खराब हो गयी। बीते 4 अप्रैल को राहुल ने डिप्टी सीएम सिफारिश के बाद पिता को एसजीपीजीआई में एडमिट कराया था। बीते 27 अप्रैल को डाक्टर ने उनके पिता को सिटी स्कैन कराने के लिए कहा था।
राहुल के मुताबिक उन्होंने सिटी स्कैन की निधारित फीस 2400 रुपए जमा कर दिया। बाद में वह सिटी स्कैन कराने के लिए पहुंचे, तो उन्हें वहां पर वार्ड असिस्टेंट हिमांशू गौतम मिला। आरोप है कि हिमांशू ने राहुल से पांच सौ रुपए की मांग की, जिस पर राहुल ने कैश न होने की बात कहीं।
आरोप है कि दलालों के कारण ही अस्पताल में जांच कराने में लम्बी लाइने लगती है। दलाल कमाई के चक्कर में मरीज के परिजनों को सेट करने के बाद उनकी जांचे करवा देते है और आम गरीब व्यक्ति वेटिंग में इतजार करता रहता हैं।
राहुल ने बताया कि दलालों का भंडाफोड़ करने के लिए उन्होंने हिमांशू को फोन कर आर्डियो रिकार्डिंग की, जिसमें उन्होंने ब्लैड खरीदने के लिए बातचीत किया, तो हिमांशु ने पांच हजार रूपए प्रति यूनिट ब्लेड की व्यास्था कराने का दावा किया।