फ्लैश न्यूजसाइबर संवाद
दैoजाo ने अपने ही कोरोना योद्धा पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ को एक कोने में निपटाया
ये हाल हैं पत्रकारों के कि अपने ही साथी की मौत की खबर को एक किनारे में समेट देते हैं। इसके बाद तमगा चाहिए विश्व का नम्बर वन अखबार बनने का। अब ये मालिक ने तो डिक्टेट किया नहीं होगा कि कोरोना योद्धा पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ की खबर ना छापना या इतनी सी जगह में छापना कि ढ़ूंढ़ने से ही किसी को मिले।
ये कोरोना योद्धा पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ अगर दैनिक जागरण के ना होते तो यकीन मानिये इनका नाम भी लिखना दैनिक जागरण अपनी तौहीन समझता और लिखता कि एक पत्रकार कि कोरोना से आगरा में मृत्यू हो गई। घिक्कार है ऐसी पत्रकारिता पर। अब इनकी ऐसी मानसिकता पर इनको सरकारें नहीं पूछतीं तो क्या ही बुरा करती हैं।
इसी पर आपत्ति जताते हुए रवीश कुमार ने जबरदस्त एतराज़ जताया है।
टीवी पत्रकार रवीश कुमार ने पंकज कुलश्रेष्ठ की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए दैनिक जागरण प्रबंधन पर सवाल उठाया है और उन्होनें अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि COVID-19 से जान गवाने वाले अपने वरिष्ठ पत्रकार की मृत्यु कि विस्तृत खबर के बजाय दैनिक जागरण ने संक्षिप्त सूचना छापी है।
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