जनता जर्नादन

डॉ0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा का दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज डॉ0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के वर्ष 2019-20 के  86वें दीक्षान्त समारोह  को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थीगण स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर रिसर्च तथा इनोवेशन के माध्यम से स्थानीय विकास को बल प्रदान करके अपनी शिक्षा को सही अर्थों में उपयोगी बनाएं।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी यह अवश्य ध्यान रखें कि शिक्षा का लाभ उनके व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ समाज और देश को भी मिले। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने 69 विद्यार्थियों को 109 पदक, 8 विद्यार्थियों को डी0लिट्, 45 विद्यार्थियों को पीएच0डी0, 93 विद्यार्थियों को एम0फिल, 6 विद्यार्थियों को चल बैजन्ती पुरस्कार प्रदान की तथा उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

कुलाधिपति ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दंे जिससे न केवल उनका सर्वांगीण विकास हो, बल्कि वे देश के विकास में भी अपनी शिक्षा का सदुपयोग कर सकें। साथ ही सामाजिक क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान देने की तरफ अग्रसर हो सकें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही शोध और अनुसंधान की संस्कृति को विकसित करें।
राज्यपाल जी ने कहा कि विश्वविद्यालय मात्र उपाधि वितरण के केन्द्र ही नहीं हैं, बल्कि उनके अन्य दायित्व भी हैं।

उनमें से एक है ‘आत्मनिर्भर राष्ट्र’ के निर्माण में सहयोग करना। ‘एक महाविद्यालय एक गांव’ की तर्ज पर उच्च शिक्षण संस्थान एक-एक गांव गोद लेकर वहां के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक उत्थान को सुनिश्चित करें। इसमें महिला सशक्तिकरण, क्षय रोग उन्मूलन, स्वरोजगार के नवीन मार्गों की खोज, स्वच्छता अभियान जैसे अनेक कार्य हैं, जिन्हें विद्यार्थियों के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित कर उनका व्यावहारिक उपयोग एक-एक गोद लिये गये गांव में किया जा सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय पांच गांव को गोद लेकर महिलाओं की समस्याओं को दूर करें और महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करें।
कुलाधिपति ने कहा कि सशक्त और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत का जो मंत्र दिया है, उसके पीछे मंशा यही है कि देश में स्वदेशी का भाव विकसित हो। स्थानीय संसाधनों के प्रभावी उपयोग से ही देश व प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में हम तेजी से अग्रसर हो सकते है।

राज्यपाल ने अमृत महोत्सव के अवसर पर आजादी केे पुरोधाओं और देश के विकास में योगदान देने वाले महापुरूषों को स्मरण किया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका प्रभावी ढंग से उपयोग 21वीं सदी की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप आज की युवा पीढ़ी को सक्षम बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

इस अवसर पर राज्यपाल जी ने परिषदीय प्राथमिक विद्यालय के बच्चों एवं विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिये गये क्षय रोग ग्रस्त बच्चों को पठन-पाठन सामग्री, बैग एवं पौष्टिक आहार वितरित किया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो0 आलोक कुमार राय ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक के 91,427 एवं स्नातकोत्तर के 1,2893 विद्यार्थियों की उपाधियां डिजी लॉकर पर अपलोड कर दी गयी है। कार्यक्रम में कुलपति ने राज्यपाल जी को पुस्तकें भेंट की।
कार्यक्रम में कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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