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कोविड संक्रमण के नए केस में बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत सतर्कता और सावधानी बरती जाए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति के सफल क्रियान्वयन से कोविड महामारी पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के नए केस में बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत सतर्कता और सावधानी बरती जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि कोविड की बदलती परिस्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखी जाए। सभी अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता, डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित उपलब्धता की गहनता से परख कर ली जाए। आवश्यक दवाओं के साथ मेडिसिन किट तैयार करा लिए जाएं। सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाए जाने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से आमजन को जागरूक किया जाए।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर टीम-9 की बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पॉजिटिविटी दर न्यूनतम है। प्रदेश में कोविड टीकाकरण अभियान की प्रगति संतोषप्रद है। उन्होंने निर्देशित किया कि 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने में तेजी लायी जाए। साथ ही, बच्चों को दूसरी डोज समय से दी जाए।

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 682 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 352 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 3,257 है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 91 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 11 करोड़ 64 लाख 53 हजार 352 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।

बैठक में यह जानकारी भी दी गयी कि राज्य में गत दिवस तक 33 करोड़ 73 लाख 93 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 14 करोड़ 15 लाख  10 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। इस प्रकार 95ण्99 प्रतिशत लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। इसी आयु वर्ग में 15 करोड़ 33 लाख 94 हजार से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है।

विगत दिवस तक 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग में 99.27 प्रतिशत किशोर कोविड वैक्सीन की प्रथम डोज तथा 85.17 प्रतिशत किशोर टीके की दूसरी खुराक प्राप्त कर चुके हैं। 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 94.55 प्रतिशत बच्चों ने टीके की पहली खुराक तथा 61.30 प्रतिशत बच्चों ने टीके की दूसरी खुराक प्राप्त कर ली है। 34 लाख 49 हजार से अधिक प्रिकॉशन डोज प्रदान की जा चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 01 जुलाई से प्रदेशव्यापी अभियान शुरू हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, फॉगिंग सैनिटाइजेशन के संबंध में जागरूकता बढ़ाये जाने की जरूरत है। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली जाएं। जनप्रतिनिधिगणों का भी सहयोग लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर जनपद में पोटेंशियल है। इस क्षमता का लाभ उठाने के लिए नियोजित प्रयास किए जाएं। अपनी आय वृद्धि की नियमित समीक्षा करते हुए प्रत्येक जनपद/नगरीय निकाय अपनी जी0डी0पी0 को बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार करें। नगरीय निकायों को वित्तीय आत्मनिर्भरता के लिए ठोस प्रयास करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बदले औद्योगिक माहौल को देखते हुए बड़ी संख्या में देश-दुनिया के उद्यमी उत्तर प्रदेश में निवेश कर रहे हैं। उद्योग जगत की जरूरतों के मुताबिक नई औद्योगिक नीति, नई इलेक्ट्रॉनिक वेहिकिल नीति और बेहतर वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति तैयार की जाए। आवश्यकतानुसार संशोधित/नवीन नीतियों को तैयार करते समय उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से भी परामर्श लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उपरांत प्रदेश को अतिशीघ्र बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उपहार मिलने जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड में ‘विकास की लाइफ लाइन’ के रूप में प्रतिष्ठित होगा। इस एक्सप्रेस-वे के शेष कार्यों को अगले 10 दिनों में पूर्ण करा लिया जाए। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू करा दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के दृष्टिगत नालों की सफाई करा ली जाए, जिससे सिल्ट जमा न हो तथा बारिश में जलभराव न हो। उन्होंने कहा कि अमृत योजना के तहत अब तक हुए कार्यों की गहनता से समीक्षा की जाए। शहरों को स्वच्छ करने के साथ-साथ सुंदर बनाने का भी प्रयास किया जाए। जनसहभागिता/जनप्रतिनिधियों/सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से चौराहों का सुंदरीकरण कराया जा जाए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण पर विशेष ध्यान देते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि स्ट्रीट लाइट समय से ऑन हों और समय से बंद कर दिए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्थापित करने के इच्छुक संस्थाओं के आवेदन अनावश्यक लंबित न रखे जाएं। आवेदनों पर समयबद्ध ढंग से निर्णय लिए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय के स्थापना संबंधी नियमों/अर्हताओं को यथासंभव सरल किया गया है। इसका लाभ प्रदेश को मिलना चाहिए। अब तक लंबित ऐसे सभी आवेदनों की मुख्य सचिव द्वारा समीक्षा कर मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि फार्मेसी काउंसिल द्वारा दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। सत्यापन में विलंब के कारण किसी का हित प्रभावित न हो। अभ्यर्थियों को सरलता हो, इसके लिए जरूरी व्यवस्था की जाए।

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