
सारी कामर्शियल बैंको के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स में रिजर्व बैंक का नामिनी डायरेक्टर होता है, वो आखिरकार वहॉं क्या करता है? बैंकें ठीक से काम नहीं कर रहीं, तो उसकी मौजूदगी किसको लाभकारी दिखाई दे रही है? ऐसे अधिकारियों और विभागों के दम पर ये देश विश्व का अग्रणी देश ही नहीं बनने जा रहा है। बल्कि विश्व का लीडर बनने का ख्वाब देख रहा है।
स्टूडेन्ट को रिसर्च के नाम पर इन्नोवेशन और इनक्यूबेशन के मायाजाल में फंसाकर रख दिया गया है। भारत सरकार फण्ड जारी करती है, लेकिन इन फण्ड्स को वास्तविक रिसर्च करने वाले छात्र को देने के लिए प्रोफेसर साहब को उसमें हिस्सेदारी चाहिए।
हमारा देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से कहना है कि देखिए इस देश को। जहॉं का प्रोफेसर इतना भ्रष्ट है, उस देश का भविष्य कैसा होगा, और कैसे भारत इजराइल बनेगा। यहॉं तो प्रोफेसर डॉ0 एoपीoजेo अब्दुल कलाम के नाम को भी भुनाये ले रहे हैं।
आपको ये सब बहुत छोटा दिखाई देगा। लेकिन ये सब ही देश का वर्तमान और भविष्य है।
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