Toll Free No. 1947 आजाद हो गया है। ये आपको ढ़ूंढे भी नहीं मिलेगा। जनता भले ही आजतक आजाद ना हो पाई हो, लेकिन भारत के सरकारी विभाग, नेता-अफसर, ब्राडबैण्ड-मोबाइल उपलब्ध कराने वाली कम्पनियॉं (जैसे एयरटेल, आइडिया, वोडाफोन, बीएसएनएल,एसीटी, एशियानेट, डेन बूमबैण्ड, टाटा डोकोमो, तिकोना ब्राडबैण्ड,वाईएफवाई ब्राडबैण्ड) आधार कार्ड से जुड़ी कार्वी जैसी कम्पनियॉं, सब आजाद हो गये हैं। ये कस्टमर को अनाप-शनाप जारी किए गये बिल को वसूल करने के बावजूद कितना परेशान कर रही हैं, कोई देखने-सुनने वाला नहीं?
हालात ये हैं कि सरकारी क्षेत्र के बैंक भी कस्टमर को परेशान करने में लगे हैं। प्रत्येक कार्य के लिए सर्विस चार्ज मौजूद है। बैंकों ने एटीएम लगाये। ब्रान्च से स्टाफ कम किया। अब उसी एटीएम के एवज में एटीएम कार्ड की बनवाई, उसका सालाना चार्ज, फिर पांच बार से अधिक उसके इस्तेमाल पर अलग से वसूली।
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