जिनको अपनी मेहनत और अपने दम पर कमाना खाना है उनके बैंक खातों को जबरन आधार से जोड़ने का क्या औचित्य? इस देश का नागरिक क्या अपनी मर्जी से इस देश में रह भी नहीं सकता?
आधार बनाने का सारे का सारा ठीकरा प्राइवेट वेन्डर्स के हाथ में है। क्या और कैसी गारन्टी सरकार देगी कि उनके आधार और बायोमैट्रिक का दुरूपयोग नहीं हो रहा है अथवा दुरूपयोग नहीं होगा?
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