वन्दे मातरम

Shrimanta Shankardev-महान विभूति भाग-4

Shrimanta Shankardev-महान विभूति के भाग-3 में आपने पढ़ा कि…..

नामधर और सत्र असम के धार्मिक सामाजिक जीवन के मूलाधार हैं। धर्म और लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने वाले संस्थान हैं। सत्रों की स्थापना गुरु द्वारा की जाती है। जहां गुरु कुछ शिष्यों के साथ रहते हैं और आजन्म कुवांरे रहकर भक्ति में लीन रहते हैं।

इसके आगे भाग-4…………

इन्हें केवलिया भक्त कहा जाता है। सत्र में स्त्रियों का रहना वर्जित है। नामघरों द्वारा भ्रातृत्व तथा एकता की भावना को मुखरता प्राप्त हुई। यहां भक्तगण धार्मिक एवं सामाजिक समस्याओं के सम्बन्ध में नियमित विचार करते थे तथा लोकतांत्रिक ढग़ से उनका समाधान करते थे।

उन्होंने सत्संग, भक्त समाज की सथापना, सामूहिक शिक्षा के अंतर्गत नाट्याभिनय, नृत्य, भजन-कीर्तन माध्यम अपनाया। अनेक वर्गों-समूहों तथा जनजातियों में विभक्त समाज को संयोजित एवं संगठित करने के लिए सामान्य स्थल नामघर व सत्रों की स्थापना की।

shankardev ने सामाजिक अस्पृश्यता का उन्मूलन कर समाजवादी व्यवस्था का बीज वपन किया। फलस्वरुप आज भी असम जाति भेद की जटिलता और अवर्ण-स्वर्ण की कट्टरता कम है। शंकरी भक्ति पद्घति में राधा का कोई स्थान नहीं है।

श्रीमन्त Shankardev बहुमुखी प्रतिमा के स्वामी थे। फाकुआ होली भाओना नाट्य परम्परा, चित्रकला, गीत और सत्रिया नृत्य द्वारा कितने ही वाद्य यंत्रों का आपने आविष्कार किया। इस प्रकार असमिया समाज के हर पहलू में उनका योगदान है और उनकी प्रतिमा का अमृत्य स्पर्श है।

Shankardev ने जीवन से पलायन न करके उसकी नैसर्गिकता को स्वीकार करके आध्यात्मिक साधना में अग्रसर होना जीवन का लक्ष्य रखा था। उन्होंने गुरु का पद भी जन्मदाता नहीं गुणों के आधार पर माना था। इसलिए अपने पुत्रों को गुरु का पद नहीं दिया और अपने योग्य शिष्य माधवदेव को अपना उत्तराधिकारी बनाया।

असमिया भक्ति साहित्य को पूर्णता प्रदान करने वाले शंकरदेव ही थे। उन्होंने असमिया लोकजीवन का अखंड भारतीय जीवन प्रवाह के साथ संयोजित किया। लोक और वेद का स्वरूप समाज के सम्मुख रखकर सामाजिक मस्तिष्क का परिष्कार किया।

शंकरी साहित्य की विशेषता है- विषय की उदात्तता, काव्य शैली की मौलिकता, कलात्मकता, चिंतन की प्रौढ़ता। उन्होंने उपाख्यान, तत्वालोचन, गीत, नाटक, कीर्तन, घोषा आदि नवीन विधाओं का विकास किया।

Shankardev  के बरगीत की आध्यात्मिक उदात्तता के कारण उसे पवित्र शास्त्रीय गीत की श्रेणी में रखा गया है। बरगीत एवं अंकिया नाट तो भारतीय साहित्य में अनोखी विधाएं हैं। नाटक तथा अपने साहित्य में शंकरदेव ने ब्रजबोली का प्रयोग करके नवीन परंपरा का सूत्रपात किया।

लोकजीवन में भागवती धर्म का प्रवाह संचारित करने के लिए अंकिया भाओना की रचना की जो मनोरंजन के साथ धार्मिक शिक्षा का साधन है।
चिह्न यात्रा नृत्याभिनय युक्त गोलोक धाम का प्रसिद्घ चित्रपट निर्मित किया जो असमिया चित्रकला का प्रेरणा स्त्रोत है उनके द्वारा उद्भावित सत्रिया नृत्य पूर्ण शास्त्रीय नृत्य है। इन साधनों का उपयोग उन्होंने भागवती धर्म के प्रचार के लिए किया था।

समाज के आत्मिक पतन को रोकने तथा उत्थान हेतु आपने अनेक प्रयत्न किए थे। Shankardev असाधारण एवं बहुमुखी व्यक्तित्व वाले महापुरुष थे। जिनकी तुलना अन्य किसी से नहीं की जा सकती है।

भौतिक संपन्नता के साथ मानवीय और आध्यात्मिक संघर्ष के इस युग में शंकरदेव की प्ररेणा केवल असमिया ही नहीं संपूर्ण मानव समाज के लिए है। इसलिए वर्तमान समय में शंकरदेव की शिक्षा मानवमात्र के लिए उपयोगी है।

उनकी प्रसिद्घ कृति कीतिन घोषा की निम्र पंक्ति में उनकी समस्त जीवों के प्रति आदर भावना प्रकट हुई-सबको मानिया तुमि विष्णु बुधकारी अर्थात सभी प्राणियों को विष्णु मानकर उनका आदर करो।

वे मानवतावादी होने के साथ सच्चे लोकनायक थे, जिन्हें समकालीन अन्य संप्रदायों के समान सम्मान दिया जाना चाहिए। …….End. 

राज्‍यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

mahjong slot

spaceman slot

https://www.saymynail.com/

slot bet 200

slot garansi kekalahan 100

rtp slot

Slot bet 100

slot 10 ribu

slot starlight princess

https://moolchandkidneyhospital.com/

situs slot777

slot starlight princes

slot thailand resmi

slot starlight princess

slot starlight princess

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

ceriabet

ceriabet

ceriabet

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

slot starlight princess

ibcbet

sbobet

roulette

baccarat online

sicbo