शर्मा 15 वर्षो से Press Council के नामित सदस्य रहे हैं। अब फिर तीन वर्षो के लिये चयन के लिये प्रयासरत हैं।
प्रेस काउन्सिल की जांच समिति के संयोजक के रोल में शर्मा ने उन संगठनों को मान्यता दे दी है जो न तो विधिवत पंजीकृत है, ना ही जिनकी बही है अथवा खाता। न ही कभी वैध चुनाव चुनाव हुआ है। कारीगारी तो उत्तमचन्द शर्मा की रही जो स्वंय जांच समिति के सदस्य बनकर अपने निजी संगठन (हिन्दी समाचार-पत्र सम्मेलन) की मान्यता खुद अपने वोट से करा दी। लखनऊ के राज्य पंजीकरण मुख्यालय में इस संगठन का नाम रजिस्टर में भी नही है।
प्रेस काउन्सिल की वेबसाइट (www.presscouncil.nic.in ) पर अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रसाद ने लिखा है कि एडिटर्स गिल्ड, आल इण्डिया न्यूजपेपर एडिटर्स कान्फ्ररेंस तथा हिंदी समाचार पत्र सम्मेलन ने केवल आधी-अधूरी सूची जमा की है। मनोनयन भी पूरी संख्या में नहीं है।
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