प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक बैठक में आज यहां कहा गया कि खरीफ और रबी की खेती के पिछले दो मौसमों में phasal beema yojana से करीब 90 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान के अनुसार मोदी को बताया गया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को करीब 7,700 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया जा चुका है। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि फसल बीमा दावों के संदर्भ में त्वरित आंकड़ों को जुटाने के लिए स्मार्ट फोन, सुदूर संवेदी प्रौद्योगिकी, उपग्रहीय आंकड़े और ड्रोन जैसी नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री द्वारा यह बैठक मृदा स्वास्थ्य कार्ड तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित की गयी थी। ये सरकार की दो प्रमुख योजनाएं हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के संदर्भ में प्रधानमंत्री को सूचित किया गया कि 16 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने कार्ड वितरण के पहले दौर को पूरा कर लिया है और बाकी राज्यों द्वारा बाकी काम कुछ हफ्तों में पूरा हो जाने की संभावना है।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी ग्रिड में मिट्टी के नमूनों को चुनने में विविधता रखी जानी चाहिये साथ ही जांच में भी अलग अलग प्रयोगशाला की रिपोर्ट देखी जा सकती है ताकि रिपोर्ट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद मिले। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड को क्षेत्र विशेष की स्थानीय भाषा में छापना चाहिये ताकि किसान उसे आसानी से पढ़ सकें और उन्हें समझ सकें। नवीनतम प्रौद्योगिकी को शीघ्रता से अपनाये जाने को प्रोत्साहित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मृदा परीक्षण का काम अंतत: हाथ से पकड़े जा सकने वाले उपकरण के जरिये संभव बनाया जाना चाहिये।
उन्होंने अधिकारियों से इस कामकाज में स्टार्ट अप कंपनियों और उद्यमियों को संलग्न करने की संभावनाओं को तलाशने को कहा। इस समीक्षा बैठक में कृषि मंत्रालय, नीति आयोग और पीएमओ के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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