
PanchTantra-टका नहीं तो टकटका भाग-2
पिछले अंक PanchTantra-Taka Nahin To Taktaka भाग-1 में आपने पढ़ा कि……….
ब्याज उगाही का काम है तो अच्छा पर एक बार पैसा दूसरे के पास गया तो डर यह भी रहता है कि कही गांठ का पैसा भी न निकल जाए।
इससे आगे भाग-2 में पढ़िए…
अब रह गया व्यापार (Business) । इससे अच्छा और आराम से चलने वाला धंधा कोई औैर है ही नहीं। बस इतना पता होना चाहिए कि कहां का माल कहां पर करना है। और किस कोठी का माल किस कोठी में रखना है। किस मौसम में खरीदना है और किस मौसम में बेचना है। इसके बाद तो फिर चांदी ही चांदी है।