
एक हजार दिन में झारखंड में 32 लाख निरक्षरों को साक्षर कियाः मुख्यमंत्री
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि उनकी सरकार ने मात्र एक हजार दिनों में राज्य के 32 लाख लोगों को साक्षर बनाया और वर्ष 2020 तक राज्य में संपूर्ण साक्षरता लाने के लिए काम कर रही है। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर धुर्वा में आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर झारखण्ड की धरती पर उप राष्ट्रपति की उपस्थिति से राज्य गौरव महसूस कर रहा है। नायडु उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार झारखण्ड आये हैं, यह हमारे लिये सौभाग्य का विषय है।
दास ने कहा कि राज्य सरकार ने 1 हजार दिन में 32 लाख लोगों का साक्षर बनाया है। राज्य सरकार सम्पूर्ण झारखण्ड को साक्षर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। विगत जनगणना में झारखण्ड की साक्षरता दर 66.41 है जिसमें पुरुष साक्षरता दर 76.84 और महिला साक्षरता दर 55.42 प्रतिशत है। यह आंकड़ा बताता है कि राज्य के समक्ष कितनी बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड को नारी शिक्षा के क्षेत्र में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करना है। आदिवासी समाज को भी शत प्रतिशत शिक्षा मिले इसके प्रयास हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही झारखण्ड का विकास पूर्ण होगा। राज्य की राज्यपाल स्वयं कस्तूरबा गांधी स्कूल में जाकर शिक्षा हेतु बच्चियों को प्रोत्साहित करती रहीं हैं जिससे बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड को पूर्ण साक्षर बनाना है लेकिन यह सबकी जिम्मेदारी है। सरकार के संसाधन के साथ समाज के सभी लोग मिलकर निरक्षर को पढ़ाने का काम करें। छुट्टी के दिनों में शिक्षित लोग अशिक्षित को पढ़ाएं। केरल में 100 प्रतिशत साक्षर हो सकते हैं तो क्या झारखण्ड में ऐसा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सभी से आग्रह है कि शिक्षित लोग अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए अशिक्षित को शिक्षा दें। इसे अवसर के रूप में लेकर झारखण्ड के विकास को गति दें। प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के सपने को देखते हुए हमें 2020 तक झारखण्ड को पूर्ण साक्षर बनाने का संकल्प लेने की जरुरत है।