Nuclear वैज्ञानिक का सड़ चुका शव बरामद
Nuclear वैज्ञानिक का सड़ चुका शव पूसा इंस्टीट्यूट क्वार्टर नई दिल्ली से बरामद किया गया है।
वैज्ञानिक के मानसिक रूप से अस्थिर भाई-बहन शव के साथ दुर्गंध के बावजूद रह रहे थे।
पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम की अनुमति देने के लिए परिवार का कोई अन्य सदस्य उपस्थित नहीं थाl
जिसकी वजह से अभी तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ।
उन्होने कहा कि वह अगले 72 घंटो तक डॉक्टर के संबंधियों का इंतजार करेंगे।
पश्चिम जिले के पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने बताया कि ऐसा संदेह है कि वैज्ञानिक यशवीर सूद की कुपोषण की वजह से तीन चार दिन पहले मौत हुई होगी।
उनके दो छोटे भाई-बहन हरीश और कमला ने किसी को भी सूद की मौत के बारे में सूचित नहीं किया।
हरीश और कमला दोनों मानसिक रूप से अस्थिर बताये जा रहे हैं।
पुलिस को कल पूसा इंस्टीट्यूट के फील्ड अफसर सोनू कुमार ने सूचित किया कि परिसर में बने एक मकान से दुर्गंध आ रही है।
सोनू को समीपवर्ती क्वार्टर में तैनात एक सुरक्षा कर्मी ने बताया कि दुर्गंध सेवानिवृत्त वैज्ञानिक सूद के क्वार्टर से आ रही है।
कुमार ने पुलिस को बताया कि वह दुर्गंध की वजह तलाशते हुये सूद के मकान पर पहुंचे।
उन्होंने घर में जाने की कोशिश की लेकिन सूद की बहन ने उन्हें घर में घुसने नहीं दिया।
इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस जबरन सूद के घर में घुसी।
वहां उसे बिस्तर पर वैज्ञानिक का सड़ा-गला शव मिला।
उन्होंने बताया कि सूद 31 मार्च को पूसा इंस्टीट्यूट के परमाणु विज्ञान विभाग से प्रधान वैज्ञानिक के तौर पर सेवानिवृत्त हुये थे। वह 62 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त हुये थे और अपने छोटे भाई-बहन के साथ एक खाली पड़े सरकारी क्वार्टर में रह रहे थे।
उन्होंने कहा कि पुलिस उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य का पता नहीं लगा सकी है।
सूद के पिता भी इसी संस्थान में वैज्ञानिक थे। पुलिस को पता चला है कि सूद शराब पीते थे और अपनी सेवानिवृत्ति से पहले गहरे अवसाद में थे।
सेवानिवृत्ति के बाद वह अपने घर से बाहर बहुत ही कम निकलते थे।
उन्होंने अपने पेंशन या ग्रेच्युटी कोष से एक रूपया भी नहीं निकाला था।
पुलिस ने सूद के भाई-बहन को ‘मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान’ (इहबास) में भर्ती कराया है।
दोनों अविवाहित हैं और किसी से भी मिलते जुलते नहीं थे।