पंजाब

श्याम बाबा को अर्जी लगाने से भक्तों की समस्याएं होती हैं दूर

भगवान श्याम को “लखदातार” कहा जाता है, क्योंकि श्याम बाबा की महिमा बहुत अद्भुत है। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति पर श्याम बाबा की कृपा होती है, वह व्यक्ति हर तरह से समृद्ध हो जाता है।

खाटू वाले श्याम बाबा की कृपा के कारण लाखों भक्तों में से कुछ सामान्य व्यक्ति धनवान बन जाते हैं, इसलिए उन्हें लगातार “लखदातार” नाम से पुकारा जाता है।

लखदातार, “लखदातार” का मतलब यह नहीं कि लाखों देने वाला, बल्कि “लखदातार” का मतलब है जो आपके मन की बात को जानता है।

कहते हैं कि जो भी व्यक्ति श्री श्याम प्रभू के दरबार में जाकर उनके दर्शन मात्र भी करता है। मेरा “खाटू नरेश” उसके मन की बात स्वयं जानकर उसकी मनोकामना पुरी करता है।

फिर भी आपको लगता है कि आपकी परेशानी दूर नहीं हो रही तो आप श्री श्याम मंदिर में बाबा श्याम की अर्जी लगा सकते हैं।

इसके लिए भक्तजन खाटू जाकर या नजदीकी श्री श्याम मंदिर में बाबा के सामने अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने की प्रार्थना कर सकते हैं।

यह अर्जी लिखकर भी लगाई जा सकती है। अपनी मनौती के लिए इसे कागज पर लिखकर मंदिर में पुजारी के माध्यम से बाबा तक अपनी बात पहुंचाई जा सकती है।

श्याम प्रेमियों का ऐसा विश्वास है कि इस प्रकार से लिखी हुई मनोकामनाएँ बाबा श्याम अवश्य पूरी करते हैं। कागज़ पर लिखी हुई ये प्रार्थनाएँ ही खाटू श्याम की अर्जी या अरदास कहलाती हैं।

भक्तों का ऐसा विश्वास है कि श्याम बाबा को लगाई हुई ये अर्जियाँ बाबा स्वीकारते हैं और उनके मन की मुराद पूरी करते हैं।

बाबा के दरबार में नौकरी, संतान, शादी, कारोबार, बीमारी, सुख शांति आदि से संबंधित अर्जियाँ लगाई जा सकती हैं।

लेकिन यह अर्जी जायज और एक दायरे के अंदर होनी चाहिए, अर्जी में किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं होना चाहिए। जैसे शादी की अर्जी में किसी लड़की या लड़के का नाम नहीं होना चाहिए। आप मनोनुकूल जीवन साथी की अर्जी लगा सकते हैं। इच्छा का दायरा सीमित होना चाहिए। जैसे कुछ व्यक्ति किसी बड़ी हस्ती से शादी की इच्छा का शिकार हो जाते हैं। खासकर किसी फिल्म अभिनेता या अभिनेत्री का वास्त्विक जीवन वो नहीं होता जो आपको दिखता है। और उनके द्वारा निभाई गई भुमिका सिर्फ एक नाटक होता है। कल्पना करें और सोचें कि किसी काल्पनिक पात्र से आपकी शादी कैसे हो सकती है। कोई समय था कि हजारों लड़कीयां उस समय के सुपर स्टार राजेश खन्ना से शादी के सपने देख रही थी। लेकिन राजेश खन्ना की शादी सिर्फ डिंपल कपाड़िया से ही हुई और यह वैवाहिक रिश्ता ज्यादा सुखद भी नहीं रहा।

आप अपनी जान पहचान वाले जीवन साथी की मन में कल्पना कर सकते हैं। पर आपको नाम नहीं लेना है। बाबा आपकी सोच के अनुसार आपको अच्छे गुणों वाला सर्वगुणसंपन्न की जीवनसाथी प्रधान करेंगे। किसी पहले से विवाहित मर्द या औरत से शादी या प्रेम संबंध की कल्पना कभी भी नहीं करनी चाहिए।

इसी प्रकार किसी शत्रु और प्रतिस्पर्धी से संबंधित परेशानी को लेकर अर्जी में भी आपको कोई भी नाम नहीं लिखना है।

क्योंकि अगर आप किसी एक शत्रु और प्रतिस्पर्धी का नाम लिख भी देंगे तो दूसरा पैदा हो जायेगा।

आप अपनी विजय और तमाम ज्ञात और अज्ञात शत्रु और प्रतिस्पर्धीयों से छुटकारे की अर्जी लगा सकते हैं।

अर्जी में बताई गई आपकी इच्छा पुरी होने के नजदीक होनी चाहिए। मौजूदा समय से दूर की इच्छा आपको कई परेशानियां दे सकती है।

बाबा से धन मांगना है तो कभी भी रकम ना बताएं क्योंकि हो सकता है कि बाबा आपको करोड़ देने वाले हों और आप सिर्फ लाख ही मांग रहे हों। आप बाबा से मात्र इतना कहें कि मुझे जीवन यापन के लिए आ रही धन संबंधी परेशानियों को दूर करके मुझे और मेरे परिवार को सुख समृद्धि और रोगों से मुक्ति प्रदान करें।

इसी प्रकार आपको कभी भी ऐसा इच्छा नहीं करनी कि बाबा मेरे घर में आपके जैसी संतान का जन्म हो। अरे भाई बाबा ने तो अपने शीश का दान दिया था। क्या आप इस घोर कलयुग या वर्तमान युग में अपनी संतान को लेकर ऐसी कल्पना कर सकते हैं।

आपको बाबा से ऐसी संतान मांगनी है कि रहती दुनिया तक आपका वंश आगे बढ़ सके।

बाबा से घर मांगे तो ऐसा कि जहां पर हर रोज बाबा की हाजिरी हो।

याद रखें कि अगर आपकी प्रार्थना सच्ची है तो आप दुनिया के किसी भी कोने में हो, श्याम बाबा आपकी प्रार्थना जरूर सुनते हैं।

अगर आप अपनी अर्जी खाटू के मंदिर में नहीं लगा पा रहे हो तो इसे किसी भी निकटवर्ती श्याम मंदिर में लगा सकते हैं।

खाटू वाले बाबा श्याम की अर्जी लगाने के लिए कोई विशेष प्रक्रिया नहीं है। बस आपको अपनी भावनाओं को एक प्रार्थना के रूप में कागज पर लिखकर बाबा श्याम के चरणों में पहुँचा देना है।

अगर आपकी प्रार्थना सच्ची है तो वो श्याम बाबा तक जरूर पहुँचती है फिर चाहे वो प्रार्थना खुद जाकर की हो या फिर भेजकर की हो।

ऐसा माना जाता है कि अर्जी लगाने के लिए कागज और पेन बिलकुल नये होने चाहिए। पेन में स्याही लाल रंग की होनी चाहिए।

बहुत से श्याम प्रेमी अर्जी लगाने के लिए एक प्रक्रिया का पालन करते हैं जो इस प्रकार है –

इस प्रक्रिया के अनुसार सबसे पहले नए कागज पर, नए पेन से लाल स्याही में अपनी प्रार्थना को लिखें। फिर इसे रक्षासूत्र में काम में आने वाले धागे यानि मौली से एक सूखे नारियल के साथ बाँध दे।

अब अपनी श्रद्धानुसार या 11 रुपये की भेंट के साथ श्याम मंदिर में पहुँचा दे। आपकी अर्जी बाबा के दरबार में लग जाएगी। बाबा के दरबार में लगाई गई अर्जी पर अवश्य कार्यवाही होती है।

ऐसे श्याम प्रेमी जो खाटू में आ कर अपनी अर्जी नहीं लगा सकते वो अपने घर से भी बाबा श्याम की अर्जी लगा सकते हैं।

आजकल बहुत से श्याम मंदिरों में अर्जी के लिए पेटी या बक्सा भी रखा जाने लगा है, जहाँ पर श्याम भक्त अपनी अर्जी दे सकते हैं। बाद में इन अर्जियों को खाटू के श्याम मंदिर में बाबा के चरणों में अर्पित कर दिया जाता है।

आप अपनी अर्जी चिट्ठी या डाक विभाग के माध्यम से डाक या पार्सल द्वारा सीधा खाटू श्याम मंदिर में भी भेज सकते हैं। अगर आपका कोई परिचित खाटू श्याम मंदिर में दर्शनों के लिए जा रहा हो आप अपनी अर्जी उसके माध्यम से भी भेज सकते हैं। डाक वाली अर्जी में करंसी नोट नहीं रखे जा सकते।

ऑनलाइन अर्जी लगाने का दावा करने वाली साइटों पर विश्वास ना करें।

कहते हैं कि श्याम बाबा का नाम लेने मात्रा से ही भक्तों के सारे कष्ट कट जाते हैं। जब श्याम बाबा के नाम में इतनी शक्ति है तो सोचिये उनके सामने की गई प्रार्थना में कितनी शक्ति होगी।

खाटू श्याम की अर्जी भी तो बाबा श्याम के चरणों में की गई प्रार्थना ही तो है। इसलिए बाबा श्याम की अर्जी की महिमा अपरम्पार है।

सच्चे मन से बाबा श्याम के चरणों में लगाई हुई अर्जी या अरदास हमेशा पूरी होती है फिर चाहे वो खाटू में आपने खुद जाकर लगाई हो या फिर किसी माध्यम से भेजकर लगाई गई हो।

याद रखें खाटू वाले श्री श्याम बाबा श्री भगवदगीता के श्रोता और वक्ता दोनों हैं। इसलिए आपके जीवन में कर्म की प्रधानता होनी चहिए। बिना कर्म के कुछ भी संभव नहीं। कोई तान्त्रिक, ज्योतिषी या पंडित आपको कहता है कि आप मुझे इतनी रकम दे दो और मैं पूजा करके आपकी सारी समस्या दूर कर दूंगा यह उसके रोजगार के सिवा कुछ भी नहीं है।

कोटकपूरा के एक श्याम प्रेमी ने एक बार मुझे बताया था कि

उसने अपने बेटे की शादी की रुकावट दूर करवाने लिऐ एक स्वयंभू विद्वान पंडित से संपर्क किया और उसको पूजा के लिऐ 20000 रूपये से अधिक रकम दी, पर समय सीमा के अंदर कुछ नहीं हुआ।

मनौती पुरी होने पर श्री श्याम प्रभू के धन्यावाद को लेकर आपको पहले से कभी भी बड़ी बात नहीं कहनी चहिए ।

मेरे खाटू श्याम बाबा तो एक कप कच्चे दूध या घर पर बनी हुई खीर और चूरमे की एक कटोरी से ही प्रसन्न हो जाते हैं।

आप किसी निकटवर्ती श्री श्याम मन्दिर से जुड़ी निशुल्क भजन मंडली से अपने घर में कीर्तन या भजन संध्या करवा सकते हैं। आपको सिर्फ साधारण पुजन सामग्री तथा चाय पानी की व्यवस्था करनी होगी। आप अपनी श्रद्धा के अनुसार नाश्ते या भोजन की व्यव्स्था भी करवा सकते हैं।

याद रखें मंहगी फीस वाले गायकों को बुलाने से श्रद्धा कम पैदा होती है दिखावा अधिक प्रगट होता है।

घर में कीर्तन की व्यव्स्था ना हो पाती हो तो निकटवर्ती श्री श्याम मन्दिर या किसी अन्य मन्दिर में जाकर भी कीर्तन करवाया जा सकता है।

ऐसे मैरिज पैलेस या धर्मशालाओं में भजन कीर्तन करवाने से बचें जहां पर मांस मदिरा वाली पार्टियों का आयोजन भी होता हो।

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