पंजाब
टूरिस्ट वीजा पर रूस गए सात भारतीयों को जबरन जंग के मैदान में उतारा
रूस और यूक्रेन युद्ध में पटियाला के एक नौजवान समेत सात भारतीय को जबरन फौज में भर्ती कर जंग के मैदान में उतारने के मामले में राज्य की पूर्व विदेश मंत्री और पटियाला से सांसद परनीत कौर ने बड़ा कदम उठाया है।
सांसद परनीत कौर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर सातों भारतीयों को वापस सुरक्षित देश लाए जाने की मांग की है। परनीत कौर ने पत्र में कहा है कि उनके संसदीय क्षेत्र जिला पटियाला में पड़ने वाले गांव डकाला के रहने वाले नायब सिंह का बेटा गुरप्रीत सिंह जनवरी में टूरिस्ट वीजा पर रूस गया था।
वह उन सात भारतीय नागरिकों में से एक है, जिन्हें रूसियों ने पकड़ लिया था। रूसी नागरिकों ने इन सातों भारतीयों को रूसी सेना को सौंप दिया। इसके बाद इन भारतीयों को जबरन ट्रेनिंग देकर फौज में भर्ती कर यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए जंगी मैदान में उतार दिया है।
परनीत कौर ने पत्र में बताया गुरप्रीत का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और वह रसोइया या ड्राइवर की नौकरी पाने की उम्मीद में रूस गया था। उसके परिवार ने आकर मुझसे मुलाकात की और अपने बेटे को सुरक्षित वापस लाने के लिए मदद मांगी है। उन्होंने बताया हाल ही में इन सात लड़कों का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वे बचाने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से आग्रह करते हुए यह मांग की है कि वे तुरंत मामले में हस्तक्षेप करें और सभी सातों भारतीय की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए रूसी अधिकारियों के साथ मामला उठाएं।
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