बैक्टीरिया का संक्रमण रोकने से लेकर तनाव घटाने तक, रोने के भी अपने फायदे हैं
हर बार आंखों से आंसू निकलने की वजह दुख या दर्द नहीं होती। इमोशनल होने पर, बहुत ज्यादा खुश होने पर, फ्रस्टेट होने पर भी ऐसा होता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अधिक रोती हैं। लेकिन विज्ञान कहता है कि रोना इतना बुरा भी नहीं होता। इसके अपने फायदे भी होते है। जानिए, रोने से शरीर पर कितना सकारात्मक असर पड़ता है।
आंसुओं का काम क्या होता है। पहले इसे समझते हैं। मेडिकल न्यूज टुडे की रिपोर्ट कहती है आंसू तीन तरह से निकलते हैं। पहला- यह आंखों में नमी बनाए रखने का काम करते है। दूसरा- आंखों में हवा, धूल और धुआं पहुंचने पर. तीसरी सबसे अहम वजह है इंसान का इमोशनल हो जाना। जैसे- दुखी होना, आघात लगना आदि।
ज्यादातर लोग आंसू आने पर इसे रोकने की कोशिश करते हैं क्योंकि वो इसे कमजोरी की निशानी मानते है। लेकिन विज्ञान कहता है कि इसके कई फायदे है। रिसर्च में इसकी पुष्टि भी हुई है। जैसे- इंसान रोने के बाद काफी रिलैक्स महसूस करता है। तनाव का स्तर कम होता है।
एक रिसर्च के मुताबिक, जब इंसान रोता है तो शरीर में ऐसे केमिकल रिलीज होते हैं तो जिससे इंसान बेहतर महसूस होता है। मूड में सुधार होता है। इसलिए आंसू निकलने के बाद दर्द में कमी आती है। नींद बेहतर होती है। और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
2011 में हुई एक रिसर्च कहती है। आंसुओं में खास तरह का केमिकल लाइसोजोम पाया जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल खूबी होती है। जो बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। इसलिए आंसू निकलने पर इन्हें बह जाने दें। ऐसा होने से बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है।