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मजबूरी में पढ़ाई छोड़ यूक्रेन से लौटने वाले छात्रों के ल‍िए खुशखबरी

देश की मेडिकल रेग्यूलेटरी बॉडी नेशनल मेडिकल कमीशन ने शुक्रवार को एक सर्कुलर जारी कर विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स को बड़ी राहत दी है। उन्‍होंने कहा कि कोविड-19 अथवा युद्ध जैसी विषम परिस्थितियों के कारण अपनी ‘इंटर्नशिप’ पूरी नहीं कर पाने वाले विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स भारत में इसे पूरा कर सकते है। इसमें कहा गया है कि इसके लिए छात्रों को स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट पास करना होगा। NMC द्वारा यह कदम यूक्रेन में सैकड़ों भारतीय मेडिकल छात्रों को लाभान्वित करने के लिए उठाया गया है।

एक सर्कुलर में NMC ने कहा है, ‘इन छात्रों द्वारा सामना की जाने वाली ‘पीड़ा और तनाव’ को देखते हुए उनके आवेदनों पर राज्य चिकित्सा परिषदों द्वारा कार्रवाई की जा सकती है। बशर्ते उम्मीदवारों ने भारत में इंटर्नशिप पूरा करने के लिए आवेदन करने से पहले विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली हो। इंटर्नशिप को पूरा करने की परमिशन यूक्रेन के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में भारतीय छात्रों की मदद कर सकती है। जिन्हें रूसी आक्रमण के कारण अपने कोर्स को छोड़ना पड़ा था। रूसी सैनिकों के लगातार हमलों के बीच यूक्रेन से भागने के बाद केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए विमानों से हजारों भारतीय छात्र अपने देश वापस चले गए।

एनएमसी ने छात्रोंं को सभी सुव‍िधाएं देने की बात कही
एनएमसी ने राज्य चिकित्सा परिषदों को मेडिकल कॉलेजों से एक अंडरटेकिंग प्राप्त करने के लिए भी कहा है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विदेशी मेडिकल स्नातकों (एफएमजी) से उन्हें अपनी इंटर्नशिप खत्म करने की अनुमति देने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। इसमें कहा गया है कि एफएमजी को वजीफा और अन्य सुविधाएं सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रशिक्षित किए जा रहे भारतीय मेडिकल स्नातकों के बराबर बढ़ाई जानी चाहिए। जैसा कि उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा तय किया गया है।

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने भी छात्रों की मदद करने की वकालत की
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह युद्ध प्रभावित यूक्रेन से लौट रहे विद्यार्थियों को देश के मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जाए। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि एक परीक्षा लेने के बाद देश के मेडिकल कॉलेज में इन विद्यार्थियों को दाखिला लेने की अनुमति दी जाए।

मंत्री ने कहा कि इस तरह की परीक्षा पास करने वाले छात्रों को समाहित करने के लिए मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त सीट सृजित की जा सकती है। सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर यूक्रेन में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों की भारत वापसी के बाद आगे की शिक्षा पर चिंता जताई है।

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