भगवान शिव की पसंदीदा है ठंडाई, जानें महाशिवरात्रि पर क्यों चढ़ाया जाता है यह पेयजल
साल 2024 में महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष भक्तजन इस पर्व को बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन इस दिन व्रत रखते हैं, पूजा- अर्चना करते हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से भक्तों की मनोकामना भी पूरी होती है।
इस अवसर पर बहुत से भक्त भोले शंकर को प्रसन्न करने के लिए उनकी पसंदीदा ठंडाई भी अर्पित करते हैं। मान्यता है कि भगवान भोले शंकर को ठंडाई बहुत पसंद है। ऐसे में जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ भगवान भोले शंकर को ठंडाई अर्पित करता है उसकी मनोकामना जरुर पूरी होती है।
भगवान भोले को पसंद है ठंडाई
पंडित आशीष कुमार पांडे के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था। जिस प्रकार आज के समय में जब बारात पहुंचती है या फिर कोई मेहमान आता है तो लोग उसको तरह-तरह का पेयजल देते हैं ठीक उसी प्रकार उस समय जब भगवान शिव की बारात पहुंची थी, तब उनका स्वागत ठंडाई के साथ किया गया था।
उन्होंने बताया की ठंडाई में केसर ड्राई फ्रूट समेत कई प्रकार की ऐसी चीज डाली जाती है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसलिए भी ठंडाई को उत्तम प्रसाद माना गया है। स्वागत योग्य और स्वास्थ्यवर्धक होने की वजह से ठंडाई का महत्व तब और बेहद खास हो जाता है जब यह भगवान शिव को आर्पित किया जाता है।
भांग और ठंडाई का संबंध
पंडित आशीष कुमार पांडेय बताते हैं कि दक्षिण मार्गी परंपरा को मानने वाले भक्त ठंडाई में ड्राई फ्रूट केसर ब्राह्मी आदि का प्रयोग करते हैं। जबकि वाम मार्गी और अघोर पंथ के लोग ठंडाई में भांग का प्रयोग करते हैं। इसलिए दोनों प्रकार की ठंडाई का अपना अपना महत्व है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार भोले शंकर को भक्तजन दूध, बेलपत्र, मिठाई, फल आदि चढ़ाते हैं ठीक उसी प्रकार भगवान को भांग धतूरा भी चढ़ाया जाता है।