
Nimrat kaur मानती हैं भाई-भतीजावाद से सफलता नहीं मिलती
नई दिल्ली। फिल्म अभिनेत्री Nimrat kaur का मानना है कि बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद पर बढ़ा-चढ़ा कर चर्चा हुयी है जबकि ऐसा कुछ ज्यादा नहीं दिखता। वह कहती हैं कि जब आप भाई-भतीजावाद पर चर्चा करते हैं तो यह सभी पेशे में होता है। उदाहरण के लिए, एक वकील के बेटे को वकील बनने में आसानी होती है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह उस वातावरण में पला-बढ़ा होता है.. और वातावरण में वह घुला मिला रहता है। वह कहती हैं कि इसी तरह, एक अभिनेता के बच्चे को भी यह लाभ मिलता है। लेकिन तब यह सच्चाई है कि इस पर हमेशा अंतिम मोहर दर्शकों की होती है। वह कहती हैं कि आखिरकार जीवन के क्या मायने हैं ‘‘आप कहां जा रहे हैं और यह नहीं कि आप कहां से आ रहे हैं।’’ अभिनेत्री ‘द टेस्ट केस’ नामक वेब धारावाहिक में नजर आने वाली हैं जिसमें वह एक सैन्य अधिकारी की भूमिका में हैं। उन्होंने बताया कि यह उनके ‘दिल के काफी करीब है।’’ नागेश कुकनूर के निर्देशन में बना यह वेब धारावाहिक एकता कपूर के बालाजी डिजिटल स्पेस एएलटी बालाजी पर प्रसारित होगा।
निमरत कौर का कहना है कि सफल होने के बाद उनके पास कई ऑफर आए लेकिन उन्होंने उनसे परहेज किया क्योंकि ज्यादा दिखो तो लोग ऊब जाते हैं। 35 वर्षीय अदाकारा ने थिएटर और संगीत वीडियो से अपना कॅरियर शुरू किया था लेकिन रितेश बत्रा की ‘द लंचबॉक्स’ में इरफान खान के साथ काम करने के बाद उन्हें खूब शोहरत मिली। वर्ष 2016 में ‘एयरलिफ्ट’ की कामयाबी के बाद उन्हें कई फिल्मों की पेशकश मिलीं लेकिन निमरत ने एक के बाद एक फिल्में साइन नहीं कीं क्योंकि उनका मानना है कि कलाकार को अधिक देखने से दर्शक ऊब जाते हैं। वह कहती हैं कि अगर कोई लगातार फिल्में साइन करता जाएगा तो वह अधिक दिखने लगेगा और लोग आपको देखकर बोर हो जाएंगे और फिर आपको काम नहीं मिलता है।
निमरत के शुरुआती जीवन की बात करें तो उन्होंने प्राथमिक शिक्षा बठिंडा से पूरी की और उसके बाद दिल्ली के डीपीएस स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए श्री राम कॉलेज में दाखिला लिया। अभिनय में शुरू से ही रुचि होने के कारण उन्होंने दिल्ली में एक थियेटर ज्वॉइन कर लिया और अपना सपना पूरा करने में जुट गयीं। शुरुआत उन्होंने मॉडलिंग से की। निमरत ने फिल्मों में अपने अभिनय की शुरुआत इंग्लिश फिल्म ‘वन नाइट विद द किंग’ से की थी। इस फिल्म की शूटिंग राजस्थान में हुई थी। उन्होंने हिंदी फिल्मों में अपना पहला कदम निर्देशक अनुराग कश्यप की फिल्म पेडलर से रखा था।