बोर्ड का खराब कामकाज मेरी चिंता की वजह था: Narayana Murthy
नई दिल्ली। इन्फोसिस के निदेशक मंडल में भारी बदलाव के कुछ दिन बाद कंपनी के सह संस्थापक एनआर Narayana Murthy ने कहा है कि आर. शेषसायी की अगुवाई वाले पिछले बोर्ड में उनकी चिंता कामकाज के खराब संचालन को लेकर थी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा वह पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी को नौकरी छोड़ने के भारी पैकेज तथा पनाया के अधिग्रहण में कथित अनियमितताओं को लेकर चिंतित थे। नारायणमूर्ति ने 18 अगस्त को इन्फोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद से अपने कोई विचार नहीं रखे थे। उन्होंने कहा कि नंदन नीलेकणि की चेयरमैन के रूप में नियुक्ति कंपनी के लिए अच्छी बात है क्योंकि वह हमेशा कंपनी संचालन के बेहतर मानकों के तरफदार रहे हैं।
निवेशकों के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल में नारायणमूर्ति ने कहा कि शेषसायी और कुछ अन्य के इस्तीफे के बाद बोर्ड में कायाकल्प शुरू हो गया है। हालांकि, अभी भी इसमें कार्य प्रगति पर है। इन्फोसिस के निदेशक मंडल ने सिक्का के इस्तीफे के लिए नारायणमूर्ति को जिम्मेदार ठहराया था। पिछले सप्ताह शेषसायी और तीन अन्य निदेशकों ने इस्तीफा दे दिया था। करीब एक दशक बाद नीलेकणि की बोर्ड में वापसी हुई है।
नारायणमूर्ति ने कहा, ‘‘मेरी प्रमुख चिंता पिछले बोर्ड का खराब कामकाज थी। मैंने हमेशा शेयरधारकों के हितों का ध्यान रखा है। यह कभी भी मेरे व्यक्तिगत और निजी लाभ के लिए नहीं हो सकता।’’ इन्फोसिस के निदेशक मंडल ने 18 अगस्त को नारायणमूर्ति पर हमला बोलते हुए उन पर गुमराह करने वाला अभियान चलाने का आरोप लगाया था। बोर्ड ने सिक्का के इस्तीफे के लिए भी नारायणमूर्ति को ही जिम्मेदार ठहराया था।