एनालिसिस
प्रद्युम्न मर्डर में कौन सही CBI या गुड़गांव Police?
आला अफसरों ने की थी पूछताछ।
रेयान इंटरनेशनल स्कूल में मासूम छात्र प्रद्युम्न की हत्या के बाद पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया था। उससे एसआईटी के अलावा डीसीपी साउथ अशोक बख्शी, डीसीपी सुमित कुहाड़, एसीपी सोहना बर्हेम सिंह ने भी पूछताछ की थी।
अलावा इसके सोहना क्राइम ब्रांच में उस समय कार्यकारी पुलिस कमिश्नर रहे हनीफ कुरैशी ने कंडक्टर से पूछताछ की थी। इसके बाद उसे आरोपी बनाकर अगले दिन मीडिया के सामने पेश कर वाहवाही लूटी गई थी।
हालांकि कंडक्टर के परिजन और खुद प्रद्युम्न के माता-पिता ने कहा था कि इस मर्डर के पीछे कोई और है। और अब भी लगता है कि उनकी बात सही दिखाई दे रही है। वास्तव में मर्डर के पीछे कोई और ही है।
सबसे हैरानी की बात है कि CBI ने जिस छात्र को आरोपी बनाया है, पुलिस उससे दो बार पूछताछ कर चुकी थी। मजिस्ट्रेट के सामने उसके बयान करवाए गए थे। असली आरोपी को नहीं पकड़ने के लिए क्या कोई राजनीतिक दबाव था, या मामला कुछ और है।
पुलिस चाकू कहां से लेकर आई। कंडक्टर के कपड़ों पर लगे ब्लड को ही सबूत क्यों मान लिया गया? पुलिस ने चाकू आगरा से खरीदने की बात क्यों कही जबकि कंडक्टर आगरा गया ही नहीं? सवाल यह भी है कि दिल्ली से सोहना कोर्ट में केस लड़ने के लिए आए वकीलों को स्थानीय वकीलों ने क्यों रोका?
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