एनालिसिस
Bofors का जिन्न सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी सीबीआई
दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश आर0एस0 सोढ़ी ने 31 मई, 2005 को हिंदूजा भाइयों श्रीचंद, गोपीचंद व प्रकाशचंद और बोफोर्स कंपनी के खिलाफ सभी आरोप निरस्त कर दिए थे। सीबीआई को मामले से निपटने के उसके तरीके के लिए यह कहते हुए फटकार लगायी थी कि इससे सरकारी खजाने पर करीब 250 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा।
इससे पहले अक्टूबर में यह खबर आई थी कि सीबीआई ने बोफोर्स (Bofors) मामले में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने के लिए सरकार से मंजूरी देने का आग्रह किया है, जिससे कि मा0 सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की जा सके।
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