Pramod Tiwari: जनता की जेब पर मोदी सरकार का डाका
Pramod Tiwari कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जनता की जेब पर डाका डालने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि आज पेट्रोल की कीमत पिछले तीन सालों में सर्वाधिक हो गयी हैl
जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 48.07 डालर प्रति बैरल हैl
जो काफी कम हो गयी है फिर भी आज मुम्बई में रु. 79.46 प्रति लीटर, दिल्ली में रु. 70.38 प्रति लीटर, चेन्नई में रु. 72.95 प्रति लीटर तथा उत्तर प्रदेश में रु. 72.48 प्रति लीटर है।
Pramod Tiwari ने कहा कि जब केन्द्र में कांग्रेस के नेतृ्त्व में यू0 पी0 ए0 की सरकार थीl
वर्ष 2010 में लगभग 90 डालर प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमत होने पर पेट्रोल की कीमत रु. 47 से 51 रुपये के बींच थीl
और वर्ष 2011 में लगभग 111 डालर प्रति बैरल से अधिक कच्चे तेल की कीमत होने पर पेट्रोल की कीमत 58.37 से 65.64 रुपये प्रति लीटर थी।
आज जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार मे 48.07 डालर प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमत हैl
तो पेट्रोल की कीमत लगभग 30 रुपये प्रति लीटर होनी चाहिए।
लेकिन केन्द्र में सत्तारूढ़ नरेन्द्र मोदी के नेतृृत्व वाली भारतीय जनतापार्टी की सरकार तेल कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिये एक लीटर पर लगभग 43- 50 रुपये प्रति लीटर दाम अधिक बढ़ाकर बेंच रही हैl
देश के एक प्रसिद्ध उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिये ऐसा किया जा रहा है।
यह सिलसिला जब से केन्द्र में एन0डी0ए0 की सरकार आयी है तब से किया जा रहा है।
Pramod Tiwari ने कहा कि आज तक किसी भी देश की सरकार ने ऐसा विश्वासघात जनता के साथ नहीं किया होगाl
जिस तरह का छल और धोखा केन्द्र की भारतीय जनतापार्टी की सरकार देश की जनता के साथ कर रही है।
यदि नजर डालें तो आज बंगला देश , नेपाल अथवा पाकिस्तान में भी पेट्रोल की कीमत हमारे देश से काफी कम है ।
यदि यू0पी0ए0 सरकार ने लगभग 111 डालर प्रति बैरल से अधिक कीमत होने पर लगभग 65 रुपये में पेट्रोल बेंचा हैl
तो फिर 48.07 डालर प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमत होने पर 30- 35 रुपये प्रति लीटर वर्तमान केन्द्रीय सरकार पेट्रोल क्यों नहीं बेंच रही है ?
Pramod Tiwari ने कहा है कि केन्द्र सरकार अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत के अनुसार पेट्रोल की कीमत तय करने का निर्देश तेल कम्पनियों को देl
ताकि जनता को उचित दाम पर पेट्रोल एवं डीजल उपलब्ध हो सकेl
इस बारे में जनता को जागरूक होना चाहिए।
श्री तिवारी ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने जनता से पिछली सरकार से अधिक बिजली देने का वायदा किया था।
प्रदेश सरकार ने घोषणा की थी कि ग्रामीण क्षेत्र को 18 घण्टे, तहसील मुख्यालय को 20 घण्टे एवं जिला मुख्यालय को 24 घण्टे बिजली आपूर्ति की जायेगीl
किन्तु सत्यता यह है कि घोषणा से काफी मात्रा में बिजली की आपूर्ति की जा रही हैl
ग्रामीण क्षेत्र को 5- 7 घण्टे से अधिक बिजली नहीं मिल पा रही हैl
और जो मिल रही है वह भी ‘‘लो वोल्टेज’।
Pramod Tiwari ने कहा है कि सितम्बर माह में मानसून 90: कम हो गया है ऐसी परिस्थिति में किसानों की फसल खेतों में सूख रही है।
प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह केन्द्र से अथवा पड़ोसी राज्य से बिजली खरीद कर किसानों को 16 से 20 घण्टे अनवरत फुल लोड पर बिजली आपूर्ति करे।