लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में शुक्रवार को सपा, बसपा और कांगे्रस ने प्रश्नकाल स्थगित कर सूबे की कानून-व्यवस्था विषय पर चर्चा कराये जाने की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नियम-56 के तहत विषय को सदन में लाने की बात कही। लेकिन चर्चा की मांग पर अड़े विपक्ष के लोग हंगामा करने लगे। ऐसे में सपा और बसपा के सदस्य सदन से बहर्गिमन कर गये तो कांगे्रस के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे। तभी सदन को अव्यवस्थित देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई नेता विरोधी दल व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोविन्द चैधरी, विधानसभा में बसपा की नेता लाल जी वर्मा और कांगे्रस की नेता आराधना मिश्रा ने उ.प्र. की बिगड़ी कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए प्रश्नकाल स्थगित कर चर्चा कराये जाने की मांग की। प्रदेश की तमाम घटनाओं का जिक्र करते हुए चैधरी ने कहा कि उ.प्र. की कानून-व्यवस्था बहुत खराब है। महिलाओं का उत्पीड़न हो रहा है।
इसलिए आज का प्रश्नकाल स्थगित कर इस विषय पर चर्चा करायी जाये। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने नियम-56 के तहत इस विषय को सदन में लाने की बात कही। तभी नाराज़ सपा और बसपा के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गये। कांगे्रस नेता आराधना मिश्रा अपने दल के सदस्यों के साथ चर्चा की मांग को लेकर वेल में पहुंच गयी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेश में अपराध में कमी आयी है और विपक्ष का चर्चा की मांग का यह कोई तरीका नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष ने पीठ से कांगे्रस के सदस्यों को समझाया और कहा कि विषय को नियमों के तहत सदन में उठाइये। सदन में हंगामें को देख अध्यक्ष ने कहा कि यह सदन है, आप इसे चैराहा न बनायें, लेकिन हंगामा होता रहा। ऐसे में सदन को अव्यवस्थित देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। स्थगन काल के बाद प्रश्नकाल की कार्यवाही पूरी हुई।