भोले के भक्तों को शिव पूजा में इन सात बड़ी बातों का हमेशा रखना चाहिए ध्यान
सनातन परंपरा में भगवान शिव सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता हैं। क्योंकि उनकी पूजा सबसे सरल और शीघ्र ही फलदायी है। यही कारण है कि देश में पूरब से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक शायद ही कोई ऐसा स्थान हो जहां पर शंकर भगवान की साधना-आराधना न की जाती हो।
कल्याण के देवता माने जाने वाले शिव कहीं पीपल के पेड़ नीचे तो कहीं नदी किनारे आपको पूजे जाते दिखाई दे जाएंगे। जीवन से जुड़े सभी कष्टों से मुक्ति पाने और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए आपको शिव पूजन में जिन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए इसे विस्तार से जानते है।
भगवान शिव का पूजा में दिशाओं का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए। औढरदानी शिव से मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके उनकी पूजा करनी चाहिए।
यदि आप भगवान शिव की पूजा में उनकी सबसे प्रिय चीज यानि बेलपत्र चढ़ा रहे हों तो हमेशा उसके डंठल का सिरा, जिसे वज्र भाग कहते है। उसे तोड़कर ही चढ़ाएं। साथ ही साथ इस बेलपत्र के चिकने भाग को नीचे और खुरदुरे भाग को उपर की ओर रखें। भगवान शिव की पूजा में कभी भी कटा-फटा बेलपत्र नहीं चढ़ाएं।
भगवान शिव की पूजा में जपे जाने वाले मंत्रों का भी अपना विधान है। शिव के मंत्र को हमेशा रुद्राक्ष की माला से जपना चाहिए। जप करते समय हमेश रुद्राक्ष की माला को गोमुखी में रखकर इस प्रकार जपना चाहिए कि वह किसी को दिखाई न दे।
भगवान शिव की पूजा में कभी भी गले में पहनी हुई और दूसरे की जप माला का प्रयोग नहीं करना चाहिए। भगवान शिव की मंत्र साधना हमेशा अपनी जपमाला से ही करना चाहिए।
शिव के साधक को कभी भी शिवालय में पूजा करने के बाद शिव की पूरी परिक्रमा नहीं करना चाहिए। शिवलिंग में चढ़ाया गया जल जहां से निकलता है। वहां से हमेशा उलटी प्रदक्षिणा यानि आधी ही परिक्रमा करनी चाहिए।
जिस तरह बगैर श्री हनुमान जी की साधना किए बगैर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कृपा नहीं बरसती है। कुछ वैसे ही बगैर नंदी की पूजा किए हुए आपकी शिव साधना अधूरी है।
ऐसे में यदि आप आप भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहते है। किसी भी शिवालय या घर में भी जब भी शिव पूजन करें तो उनकी सवारी नंदी जी की पूजा करना न भूलें। जब कभी भी किसी शिव मंदिर में प्रवेश करें तो सबसे पहले नंदी देवता को प्रणाम करें और उनके कानों में अपनी मनोकामना कहकर आगे बढ़ें। इस उपाय को करने पर भोले शीघ्र ही अपने भक्तों पर कृपा बरसाते है।