
बजट को लेकर अर्थशास्त्रियों के साथ लखनऊ महापौर ने की बैठक
लखनऊ । 21 मार्च को पेश होने वाले लखनऊ नगर निगम के बजट को लेकर महापौर संयुक्ता भाटिया ने राजधानी के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक कर उनसे सुझाव लिए। इन सुझावों को 21 मार्च को पेश होने वाले बजट में समाहित किया जाएगा। जिससे लखनऊ की जनता को अधिक से अधिक सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।
लखनऊ शहर में फंड की जरूरत, बजट के माध्यम से आगे बढ़ते हुए कम पैसे में किस तरह से जनता को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इसी को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय, शकुंतला विश्विद्यालय व एकेटीयू के अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक की गई. बैठक में नगर निगम की कितनी आमदनी होती है। कितना खर्च किया जाए। व्यय को कैसे कम किया जाए, इस पर चर्चा की गई।
21 मार्च को पेश होने वाले नगर निगम के बजट में राजधानी की जनता को राहत मिलने वाली है। इस बजट में हाउस, वाटर व सीवर टैक्स की दरों में वृद्धि नहीं की जाएगी। हाउस टैक्स की दर में वृद्धि प्रति पांच वर्ष पर की जाती है। लेकिन चुनावी वर्ष होने के कारण नगर निगम ने हाउस टैक्स की वृद्धि पर फैसला नहीं लिया। नगर निगम की सीमा में कुल 5 लाख 59 हजार आवासीय भवन हैं। जिनसे सालाना शुल्क ढाई अरब रुपये वसूला जाता है।
आवासीय भवनों की श्रेणियां हैं और इनकी गणना आवासीय दर से 1 से 6 गुना तक की जाती है।
वहीं नगर निगम के 2021-22 के पेश होने वाले बजट पर जलकल के महाप्रबंधक एसके वर्मा ने बताया कि वाटर टैक्स में किसी तरह की वृद्धि का अभी तक प्रस्ताव नहीं है। एस के वर्मा का कहना है कि काफी लंबे समय से वाटर टैक्स नहीं बढ़ाया गया है। जबकि सारी वस्तुओं की कीमत बढ़ गई है। इस बजट में वाटर टैक्स बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। और निश्चित राजधानी लखनऊ की जनता को राहत मिलेगी।
बताते चलें कि चुनावी वर्ष होने के कारण लखनऊ नगर निगम 21 मार्च को पेश होने वाले अपने बजट में किसी तरह से कोई बढ़ोतरी नहीं करना चाहता है।
इसके पीछे एक तर्क यह है कि चुनावी वर्ष होने के कारण पार्षदों का विरोध भी झेलना पड़ सकता है। ऐसे में चुनाव में नुकसान भी उठाना पड़ सकता है और इसी को ध्यान में रखते हुए इस बजट में किसी तरह की कर बढ़ोतरी का फैसला नहीं लिया जा रहा है।