कल धृति योग में रखा जाएगा कजरी तीज व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
हरियाली तीज के बाद आने वाली कजरी तीज सुहागिनों के लिए खास होती है। इस दिन विवाहित महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती के साथ चंद्रमा की पूजा करती हैं। इसे सतुदी या बड़ी तीज के नाम से भी जानते हैं। कजरी तीज के दिन सुहागिनें पति की लंबी की कामना के लिए व्रत रखती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, कजरी तीज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाते हैं। इस साल यह तिथि 25 अगस्त 2021 को पड़ रही है।
कजरी तीज 2021 शुभ मुहूर्त-
तृतीया तिथि 24 अगस्त को शाम 04 बजकर 04 मिनट पर आरंभ हो जाएगी। जो कि 25 अगस्त की शाम 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी।
इस शुभ योग में रखा जाएगा व्रत-
कजरी तीज के दिन यानी 25 अगस्त को सुबह 05 बजकर 57 मिनट तक धृति योग रहेगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बेहद शुभ माना गया है। कहते हैं कि इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है।
कजरी तीज का महत्व-
इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कुंवारी कन्याओं के लिए भी यह व्रत उत्तम माना जाता है। कहते हैं कि इस व्रत के प्रभाव से कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भगवान शंकर की कृपा से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
कजरी तीज पूजा विधि-
इस दिन महिलाएं स्नान के बाद भगवान शिव और माता गौरी की मिट्टी की मूर्ति बनाती है। या फिर बाजार से लाई मूर्ति का पूजा में उपयोग करती हैं। व्रती महिलाएं माता गौरी और भगवान शिव की मूर्ति को एक चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर स्थापित करती हैं। इसके बाद वे शिव-गौरी का विधि विधान से पूजन करती हैं, जिसमें वह माता गौरी को सुहाग के 16 सामग्री अर्पित करती हैं, वहीं भगवान शिव को बेल पत्र, गाय का दूध, गंगा जल, धतूरा, भांग आदि चढ़ाती हैं। फिर धूप और दीप आदि जलाकर आरती करती हैं और शिव-गौरी की कथा सुनती हैं।
चंद्रोदय के बाद खोला जाता है व्रत –
कजरी तीज का करवाचौथ से काफी मिलता जुलता है। इसमें पूरे दिन व्रत रखते हैं और शाम को चंद्रोदय के बाद व्रत खोला जाता है। कजरी तीज के दिन जौ, गेहूं, चने और चावल के सत्तू में घी और मेवा मिलाकर तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। चंद्रोदय के बाद भोजन करके व्रत तोड़ा जाता है।