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कोरोना का आयुर्वेद इलाज
3. अगर पेशेंट में इतनी शक्ति है कि वो दौड़ सकता है तो वो आधा घंटा सवेरे आधा घंटा शाम को दौड लगाए। चाहे कितना ही ठंडी क्यों ना हो यदि दौडा जाए पर लगातार आधा घंटा दौडते रहें। यहाँ विज्ञान ये है कि जब शरीर में मेहनत होती है तो सबसे पहले कफ जलता है। ऐसा करने से उसका कफ जलेगा। हां खान पान में ये ध्यान रखना है कि कोई भी कफवर्धक चीज ना ले। जौ की रोटी खाएं। और घी या तोरई या मूंग की दाल खाएं, लेकिन कम।
4. अगर पांच दिन तक सिर्फ मरीज को गर्म पानी ही दिया जाए और कुछ भी ना दिया जाए तो भी उसका कफ स्वयं खत्म हो जाएगा। हां मरीज थोडा कमजोर अवश्य हो सकता है। पर कफ का सोर्स अवश्य बंद हो जाएगा और उसका शरीर खुद इस कफ को खत्म कर देगा। याद रखें आम आदमी 60 दिन तक सिर्फ पानी पर ही जीवित रह सकता है। भगत सिंह के साथी जतिनदास भूख हडताल के 64वें दिन ही मृत्यु को प्राप्त हुए थे। और वे सिर्फ पानी ही पी रहे थे। इसलिए बेफिक्र रहें।
5. जो आदमी एक घंटा सवेरे एक घंटा शाम को मेडिटेशन करता है उसका शरीर स्वयं इस बीमारी को समाप्त कर देता है क्योंकि उसे ईश्वरीय उर्जा प्राप्त होने लगती है।
ये सारे प्रयोग आयुर्वेद के अनुसार ही हैं।
रामकुमार वर्मा वैद्य,
हरिद्वार 9719546268
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