व्यंग – विकास ओवर फ्लो कर रियो है…पवन सिंह
इतना विकास हुआ है कि विकास अब ओवर फ्लो मार रहा है। ठीक वैसा ही “ओवर फ्लो” जैसे सीवर लाईन जाम हो जाने के बाद सीवेज ढ़क्कन तोड़ कर सड़क पर बहने लगता है। उत्तर प्रदेश की धरती तो विकास से ऐसी चमचमाई है कि अंतरिक्ष से भी छह साल पहले गोद लिए गांव चमचमाते नजर आने लगे हैं।
स्मार्ट सिटी तो कमाल के हैं। आप कोविड पाजटिव हो जाएं तो भी कोई बात नहीं ..बस आंखें बंद करके “बड़े साहब” या “छोटे साहब” का स्मरण कीजिए…एक एंबुलेंस और एक डॉक्टर आपको लेकर सीधे फाइव स्टार अस्पताल में पहुंच जाएगा। यहां आपका फूलपोशी से इस्तकबाल होगा और फिर इंद्र राज, अस्पताल की छत से बरसात के पानी से आपको स्नान कराएंगे…आप धन्य हो जाएंगे… अभिभूत हो जाएंगे….
विकास क्या होता है, देखना हो तो लखनऊ के महानगर, अलीगंज, इंदिरानगर, गोमतीनगर की सड़कें को देख लीजिए…..चांद की सतह पर चलने जैसा अभूतपूर्व आनंद आपको प्राप्त न हो तो कहिएगा.. और आजकल बरसात के मौसम में तो सोने पर सुहागा है… आफर टाप क्लास का… एक के साथ एक फ्री…… घर से बिना नहाए इन सड़कों पर निकलिए…चांद की सतह पर चलने का मजा लीजिए और इस बीच कोई न कोई कार वाला आपको गढ्ढे में भरे पानी से नहलाकर चला जाएगा…
जब तक आप उसको थैंक्स बोलेंगे, वह परोपकार करके जा चुका होगा। गर्भवती गरीब महिलाओं को भी इस विकास का लाभ मिलता रहता है….अस्पताल में प्रसव के लिए जाने की जरूरत नहीं है। इन्हीं विकसित सड़कों पर आएं और फ्री डिलीवरी का लाभ उठाएं…… स्मार्ट सिटी तो इतने चमकदार हैं कि पिछले दिनों सूर्य देव ने साहिब-ए-आलम को एक खत ही भेज दिया कि भाई या तो अपने स्मार्ट सिटी की चमक ले लो या मेरी….।
साहिब-ए-आलम ने सूर्य देव को हौंक दिया, कहा कि चमकना हो चमको नहीं तो पतली गली से सटक लो…..। साहब ने पिछले दिनों बता दिया कि कोविड से कैसे लडा जाता है। यह दुनिया के 150 देशों ने हमसे सीखा है…..। भौकाल, फुल टाइट है साहेब का….दरबारी रक्कासाएं बता रही हैं और बता रहे हैं कि साहेब के छह सीआर फालोवर्स हो गये हैं…. बड़ी बड़ी खबरें भी छपी हैं…इसे कहते हैं विकास!!!..
विकास का अगला उदाहरण देखिए…हमारी परचेजिंग पावर…ससुरा 35 रूपए लीटर का पेट्रोल/डीजल हम 80 रूपए के ऊपर खरीद रहे हैं…..एक मरियल पड़ोसी है पाकिस्तान, वो ससुरा अपनी जनता को 37 रूपए में दे रहा है……हमारी विकास की विनम्रता देखिए डालर को इतना सम्मान देने लगे हैं कि रूपए को 72 से 74 के बीच ही रखते हैं…..।
अरे दिल और जिगरा बड़ा होना चाहिए….यह सब करने के लिए…..विकास देखिए युवाओं को नौकरियों की जरूरत ही नहीं रही…जिनकी नौकरियां थीं भी, वो सब छोड़कर अपने घर आ गये, अपनों के बीच…..विकास ने परिवार एक कर दिया….सब एक छत के नीचे….ध्यान, योग, मंदिर….और क्या चाहिए जीवन में…..यही तो चाहिए था।
एक साहेब मरने जा रहे थे कि रास्ते में “सुरमा भोपाली” मिल गये उवाचे-अमा मियां किधर कू चले आ रिये हो? इधरइच जिगह फुल हो रखी हे…..जिसको देखो इधरइच भागा चला आ रिया है। मरने वाले साहेब ने फ़रमाया-सूरमा भोपाली मियां! आ जाने दो न इधर, नीचू का विकास इत्तू जादा है कि झेला नई जा रिया है….
एक विकास दुबे अभी कुछ रोज पहले नीचू से पार्सल हुए है….उसी से मिलवा दो कम से कम पूछ तो लैं कि उसके विकास में किस-किस विकास पुरुष का हाथ था…..? सूरमा भोपाली ने डर के मारे ऊपर के दरवाजे बंद कर लिए….बोले…अमां मियां यूपी पुलिस के आदमी लग रिये हो तमी? ठकाठक, ठोंकठोंक, ठांय—ठांय…..बड़ी मुश्किल से इधरिच पहुंच रिया हूं।
अब इतनी जल्दी नीचू का विकास नहीं देखना। सूरमा भाग रिया है …..विकास दौड़ा रिया है….. विकास तो इत्तौ हुआ है कि रिजर्व बैंक का रिजर्व फंड तक खाली हो गयो हतो….”विकास” शौचालय में एक घंटों से कांख रये हतो लेकिन उत्तर ही नई रई हती….तबई विकास की घरैतिन ने आवाज़ लगाई….अबै बाहर निकस आओ शौचालय से…कछू खाए हते नहीं चार दिन से निकलेगी कैसे…?
जरा शहर चले जाओ, कछु कमा लाओ तो घरै में विकास दिखै…..विकास लोटौ पकड़ के बाहर निकलौ….खाली गैस फ़ेंक रहो हो विकास,…. बाकी कछू है नहीं….बस “फैंक रओ” है….तौ भाईयों-बहनों, जै है विकास…ट्रक कौ भाडौ भी 20% बढौ जाए रहो है। और अब आलू 35-40 रूपइया किलो आई गयो है….टमाटर 80 मा….जौ विकास है…..बात कर्र रये हैं विकास नहीं भवो है….. ससुर पूरे “आंधर प्रदेश” हौ का?
पत्रकार पवन कुमार सिंह की वॉल से
(National Herald, Dainik Jagran, Rashtriya Sahara,
Hindustan में बतौर संवाददाता कार्य कर चुके एवं Outlook के
कॉपी एडीटर रहे श्री सिंह एक वरिष्ठ पत्रकार हैं)