
रूस के साथ बैठक में भारत ने उठाया ‘चीन’ का मुद्दा, ‘सीमा पर अतिक्रमण’ को लेकर राजनाथ सिंह दिखे सख्त
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में चीनी अतिक्रमण का मुद्दा उठाया है। राजनाथ सिंह ने अपने बयान में जिस तरह से चीनी अतिक्रमण का मुद्दा रुस के विदेश और रक्षा मंत्रियों के सामने उठाया है। वो अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है। दरअसल, साल 2020 में चीन के दुस्साहस के बाद भारत और उसके उत्तरी पड़ोसी के रिश्तों की तल्खी कम होने का नाम नहीं ले रही है। यह कहना गलत नहीं होगा कि दोनों देशों के बीच शक और अदावत की खाई बढ़ती जा रही है।
1962 के चीन-भारत युद्ध में असफलता का सामना करने वाली भारतीय सेना ने हाल के वर्षों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ कई मौकों पर आमना-सामना किया है। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने रविवार को कहा कि भारत 1962 से काफी आगे निकल चुका है। जब उसने चीन के साथ युद्ध किया था। आज देश हर क्षेत्र में अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। भट्ट ने कहा कि देश का हर कोना जल, थल और वायु में प्रभावी ढंग से सुरक्षित है। उन्होंने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘हम हर क्षेत्र में अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
रूस के रक्षा मंत्री से राजनाथ सिंह की मुलाकात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से मुलाकात की। दोनों देशों के रक्षा मंत्री के बीच यह बैठक नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में हुई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है। जानकारी के मुताबिक जिन मुद्दों पर चर्चा की गई है। उनमें- पांचों S400 मिसाइल की समय से सप्लाई सुनिश्चित करना और आने वाले दो S400 की तैनाती में रूस द्वारा मदद को प्रभावी तरीके से पहुंचाना आदि शामिल है।
कई समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
इसके अलावा, AK 203 डील को अंतिम रूप देने को लेकर भी बातचीत की गई। बैठक के बाद राजनाथ सिंह और सर्गेई शोइगु ने भारत और रूस के बीच हुए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। भारत और रूस के बीच जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए है। उनमें भारत-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से कुल 6,01,427 7.63×39 मिमी असॉल्ट राइफल्स AK-203 की खरीद के लिए कॉन्ट्रैक्ट शामिल है। भारत-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड प्रोग्राम 2021-2031 से सैन्य-तकनीकी सहयोग वाला कार्यक्रम है।