
योगी सरकार ने खोला खुशियों का पिटारा…गन्ने की कीमत बढ़ी, व्यापारियों-उद्यमियों को भी बड़ी राहत
उत्तर प्रदेशवासियों के लिए दो बड़ी खबरें हैं। एक किसानों के लिए खुशखबरी तो दूसरी व्यापार जगत के लिए राहत भरा कदम। योगी सरकार ने गन्ना किसानों को तोहफा दिया है, तो वहीं उद्योगपतियों के लिए जेल के डर को खत्म करने वाला ऐतिहासिक फैसला लिया है। सरकार ने गन्ने के मूल्य में 30 प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी की है।
इस फैसले से राज्य के गन्ना किसानों को लगभग 3000 करोड़ का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्णय के अनुसार, अब अगैती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 400 प्रति क्विंटल होगा, जबकि सामान्य प्रजाति के लिए यह दर 390 प्रति क्विंटल तय की गई है। योगी सरकार का यह निर्णय किसानों के लिए एक बड़ा उपहार है, जिससे उनकी आय में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
गौरतलब है कि गन्ना किसान लगातार मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे थे। हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा गन्ने के दाम बढ़ाने के बाद यूपी में भी यह मांग तेज हो गई थी। इससे पहले पेराई सत्र 2021-22 में विधानसभा चुनाव से पहले 25 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई थी।तब अगैती प्रजाति का मूल्य 350 और सामान्य प्रजाति का 340 प्रति क्विंटल तय हुआ था।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, पेराई सत्र 2023-24 में अगैती प्रजातियों के मूल्य में 20 की वृद्धि हुई थी, जिससे यह 370 प्रति क्विंटल हो गया था। इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने रबी सीजन 2025-26 (1 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026) के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक फर्टिलाइजर पर न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी रेट्स को मंजूरी दी है।
यह बढ़ोतरी किसानों के लिए बड़ी राहत है। प्रदेश के लाखों गन्ना उत्पादक किसानों को लंबे समय से मूल्य वृद्धि का इंतजार था। सरकार का यह कदम न सिर्फ उनकी आय बढ़ाएगा, बल्कि गन्ना बेल्ट में खुशहाली भी लाएगा।
और अब दूसरी बड़ी खबर – व्यापार और उद्योग के लिए क्रांतिकारी बदलाव। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली कैबिनेट ने “उत्तर प्रदेश सुगम व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अध्यादेश-2025” को मंजूरी दे दी।
इस अध्यादेश के तहत प्रदेश में लागू 13 प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक अधिनियमों में करीब 99 प्रतिशत आपराधिक प्रावधान समाप्त कर दिए गए हैं। अब छोटे-मोटे उल्लंघनों पर जेल नहीं, बल्कि जुर्माना या प्रशासनिक कार्रवाई होगी।
अध्यादेश के दायरे में फैक्ट्री अधिनियम, दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एक्ट, बोइलर अधिनियम और अनुबंध श्रमिक अधिनियम जैसे कानून शामिल हैं। पुराने प्रावधानों में मामूली तकनीकी गलतियों पर भी कारावास की सजा थी – अब वो खत्म।



