सैन्य नर्सिंग सेवा की शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी भी पूर्व सैनिक, एक्स सर्विस मैन के तहत दें लाभ
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पटियाला की कैप्टन गुरप्रीत कौर की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (एमएनएस) अधिकारी सशस्त्र बल से मुक्त होने पर पूर्व सैनिक की परिभाषा में आते हैं और इस कोटा के तहत नौकरी का लाभ लेने के लिए पात्र हैं।
9 मई, 2022 को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी, जिसे उन्होंने खंडपीठ में चुनौती दी थी। खंडपीठ ने सिंगल बेंच के आदेश को रद् करते हुए याचिका को स्वीकार कर लिया है।
कैप्टन गुरप्रीत कौर पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची थी। पीपीएससी ने सैन्य नर्सिंग सेवा को पूर्व सैनिक कोटा के लिए अमान्य करार दे दिया था।
याची ने बताया था कि उसे एमएनएस में 5 सितंबर, 2013 से पांच साल की अवधि के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन प्रदान किया गया था। 4 सितंबर, 2018 को उसे कैप्टन के पद से छुट्टी दे दी गई थी।
सेना ने उन्हें ईएसएम के रूप में दिखाते हुए एक पहचान पत्र जारी किया था और सेवा रिकॉर्ड के अनुसार याची को संघ के सशस्त्र बलों के सदस्य के रूप में माना गया है। याची ने कहा था कि वह पंजाब पूर्व सैनिक भर्ती नियम, 1982 के नियम 2 (सी) के अनुसार ईएसएम की परिभाषा में पूरी तरह से शामिल हैं।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि सैन्य नर्सिंग सेवा (भारत) अध्यादेश, 1943 के तहत निहित प्रावधान के अनुसार एमएनएस संघ के सशस्त्र बलों का अभिन्न अंग है। इस प्रकार याचिकाकर्ता पूरी तरह से ईएसएम की परिभाषा के अंतर्गत है।