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रेयान न्यासियों की जमानत के सुनवाई से न्यायाधीश ने किया खुद को अलग

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ए बी चौधरी ने गुड़गांव स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में एक छात्र की हत्या के संबंध में स्कूल के तीन न्यासियों की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया। अब सुनवाई के लिए यह मामला उच्च न्यायालय की पृथक पीठ के समक्ष जाएगा। समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेयान पिंटो, उनके पिता एवं संस्थापक अध्यक्ष आगस्टिन पिंटो और उनकी मां एवं समूह की प्रबंध निदेशक ग्रेस पिंटो ने अग्रिम जमानत का अनुरोध करते हुए पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

यह अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई के लिए आज न्यायमूर्ति चौधरी की पीठ के समक्ष आई और उन्होंने इस याचिका की सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया। रेयान न्यासियों के वकील अर्शदीप सिंह चीमा ने कहा, ‘‘इस मामले को सुनवाई के लिए किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है।’’ अग्रिम जमानत याचिका 16 सितंबर को उच्च न्यायालय रजिस्ट्री में दायर की गई थी लेकिन मामले में अदालत रजिस्ट्री द्वारा जताई गईं कुछ आपत्तियों को हटाए जाने के बाद इसे फिर से दायर किया गया था।

बंबई उच्च न्यायालय ने बच्चे की हत्या के संबंध में रेयान समूह के तीनों न्यासियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं 14 सितंबर को खारिज कर दी थीं। सात वर्षीय प्रद्युमन की हत्या के मामले में स्कूल पर लापरवाही का आरोप लगाया गया था। इसके बाद मुंबई में रहने वाले पिंटो परिवार ने गिरफ्तारी की आशंका के कारण बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। स्कूल के कक्षा दो के छात्र प्रद्युमन की आठ सितंबर को स्कूल के शौचालय में गला रेत कर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार किया गया है।

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