भारतराजनीति

परिवर्तन के डर ने ममता को ‘UP-बिहार के गुंडे’ जैसे बयान देने पर किया मजबूर

पश्चिम बंगाल चुनाव के वोटिंग फेज जैसे-जैसे गुजरते जा रहा हैं वैसे ही प्रदेश की राजनीतिक रणभूमि बदलती जा रही है। यहां बीजेपी पुरजोर तरीके से चुनावी मैदान में उतर चुकी है। जय श्री राम का नारा बीजेपी का हर नेता लगा रहा है और ममता बनर्जी तो जैसे ही जय श्री राम सुनती हैं उनका तो रक्तचाप बढ़ जाता है।

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा हो या गृह मंत्री अमित शाह कभी रथ यात्रा तो कभी रोड शो के जरिये बंगाल में चुनावी रण जीतने के लिए लगे हैं। वहीं व्हील चेयर पर पदयात्रा के सहारे प्रचार कर रही ममता बनर्जी ने नंदीग्राम को अपनी नाक का सवाल बना लिया है और वो किसी भी तरह से उसे जीतना चाहती हैं।

शुभेंदु अधिकारी को हराने के लिए ममता बनर्जी ने पूरा जोर लगा दिया है। फर्स्ट फेज में बंपर वोटिंग के बाद परिवर्तन की आहट के डर ने ममता को नंदीग्राम में ही कई दिनों तक डेरा डालने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल चुनाव में बिहार और बिहारी लोगों की चर्चा खूब हो रही है। वजह है लगातार दो दिनों से ममता बनर्जी का यूपी-बिहार के लोगों को टारगेट किया जाना।

ममता बनर्जी लगातार अपने बयानों के जरिये यूपी-बिहार से आए लोगों को गुंडा बताकर निशाना साध रहीं हैं। ममता बनर्जी ने बीजेपी कार्यकर्ता की मां शोवा मजूमदार की मौत का आरोप बीजेपी पर ही लगाते हुए कहा कि उनके पास अपनी पार्टी की एक और महिला की हत्या कराने का प्लान है। ये लोग उत्तर प्रदेश और बिहार से लाए गुंडों से महिला की हत्या कराएंगे और दोष बंगाल पर मढ़ देंगे।

इससे पहले भी पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के क्रम में ममता ने कहा था कि उन पर हमला किसी व्यक्ति ने नहीं किया बल्कि उन पर हमला करने के लिए बीजेपी वाले यूपी और बिहार से गुंडे लेकर आए थे। इसके साथ ही ममता ने कहा कि अगर वे लोग दिखते हैं तो महिलाओं को उन्हें बर्तनों से पीटना चाहिए। दरअसल, ममता बनर्जी अपनी चुनावी सभाओं के माध्यम से बंगाली बनाम बाहरी का नरेटिव सेट करना चाहती है।

यूपी और बिहार दोनों ही जगह बीजेपी सत्ता में है। वहीं ममता द्वारा जाने-अनजाने में लगातार बिहार और यूपी के लोगों की भावनाएं आहत कर रही हैं। ममता अक्टूबर-नवंबर से ही ये आरोप लगा रही है कि बीजेपी लगातार यूपी और बिहार से गुंडों को बुला रही है। बीजेपी को यकीन है कि ममता के इस तरह के तीखे हमले से बंगाल की उन सीटों पर उसे फायदा मिल सकता है जहां यूपी और बिहार से आए लोगों की संख्या अधिक है।

राजनीति के जानकारों की मानें तो ममता अपने बयानों के जरिये यूपी बिहार के हिंदी भाषी वोटरों को ठेस पहुंचा रही हैं। वहीं बीजेपी को उम्मीद है कि बंगाल में रहने वाले बिहार और यूपी के लोग उसका साथ देंगे। 2011 की जनगणना के अनुसार पश्चिम बंगाल में हिंदी भाषी की आबादी 63 करोड़ यानी 6.96 फीसदी है।

मिदनापुर की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने बाहरी और अंदरूनी का मुद्दा उठाते हुए कवि गुरु रविंद्र नाथ टैगोर के लिखे राष्ट्रगीत का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि गुरुदेव ने पूरे देश को एकता के डोर में पिरोया था। आज उसी गुरुदेव की भूमि बंगाल से दीदी बाहरी कह रही हैं। लेकिन गुरुदेव के भूमि के लोग किसी भी भारतीय को बाहरी नहीं मानते हैं।

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