Cyber Crime है ऑनलाइन ठगी गई रकम
Cyber Crime है ऑनलाइन ठगी गई रकम।
शोरूम में लगा नया कलेक्शन हो। अथवा बाजारों में सजी दुकानें। या गैलरी में घंटों विंडो शॉपिंग का आनंद हो। और थकने के बाद चोले-भटूरे का कॉम्पटीशन..कुछ भी करना। ऑनलाइन खरीदारी की तेज रफ्तार को थामने में कामयाब नहीं हो रहा है। यही कारण है कि समय के अभाव और दौड़ धुप से बचने के लिए कपड़ों से लेकर गैजेट्स। यहां तक कि खाने के लिए भी लोग ऑनलाइन बाजार का सहारा ले रहे हैं।
इसका एक पहलू यह भी है कि Cyber Crime की दुनिया भी उसी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। हैकर्स आपके कार्ड की डिटेल्स का इस्तेमाल कर विदेशों तक में शॉपिंग कर रहे हैं। इसके लिए न तो आपसे कोई कार्ड की डिटेल पूछ रहा है और न ही पिन नंबर..सीधे आपकी मोबाइल स्क्रीन पर आ जाता है कैश डेबिट होने का एक मैसेज। ऐसा होने पर घबराएं नहीं, आप तत्काल पुलिस व संबंधित बैंक से संपर्क करें।
राजधानी में अब ‘फॉरेन ट्रांजेक्शन’ के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे मामलों में खासकर क्रेडिट कार्ड धारकों को निशाना बनाया जा रहा है। हैकर संबंधित ग्राहक का डाटा चोरी कर उनके क्रेडिट कार्ड से विदेशों में ट्रांजेक्शन करते हैं। वो भी संबंधित ग्राहक को बिना कोई फोन कॉल किए अथवा उसका क्रेडिट हासिल किए। ऐसे मामलों में वक्त रहते किए गए प्रयासों के सार्थक परिणाम मिलते हैं। ऐसा ही फॉरेन ट्रांजेक्शन का शिकार हुए निजी म्यूजिक कंपनी के अधिकारी प्रवीण कुमार शाही ने अपने प्रयासों से इसे सच कर दिखाया।
हासिल करें ठगी गई रकम।
यह तरीका मैसेज आने के बाद प्रवीण ने कैलिफोर्निया स्थित वीजा कार्यालय की हेल्पलाइन पर संपर्क कर उनके साथ हुई घटना की जानकारी दी। प्रवीण के मुताबिक उनकी कॉल पर वीजा के अधिकारियों ने उनके खाते से हुए ट्रांजेक्शन को रुकवाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी। इधर प्रवीण ने साइबर क्राइम सेल में संपर्क किया और फिर आशियाना थाने में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। वह एक राष्ट्रीयकृत बैंक का क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल कर रहे थे।
Cyber Crime
प्रवीण के मुताबिक 10 अगस्त को आशियाना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद उन्होंने बैंक अधिकारियों को मेल के जरिए इसकी शिकायत की और डिसप्यूट फॉर्म भरा। इसके बाद बैंक ने अपने स्तर से मामले की जांच कराने के साथ ही कार्रवाई की। बैंक अधिकारियों ने उन्हें 21 दिनों में खाते में रकम वापस कराए जाने का भरोसा दिलाया था। नतीजा यह रहा कि 22 अगस्त को प्रवीण के क्रेडिट कार्ड से ठगी गई रकम वापस करा दी गई।
क्या सावधानी आप बरतें
’ऑनलाइन शॉपिंग के लिए अनजान वेबसाइट को चुनने से बचें। वेबसाइट पर संबंधित कंपनी की नियम व शर्ते जरूर पढ़ें। वेबसाइट पर कंपनी का पता, नंबर, ईमेल एड्रेस चेक कर लें।’वेबसाइट के एड्रेस में एचटीटीपी (हाइपर टेक्स ट्रांसफर प्रोटोकॉल) व हरे रंग का ताला बना जरूर देखें। कंपनी द्वारा भेजे गए एसएमएस व प्रोडक्ट की डिटेल को संभालकर रखें।’ऑनलाइन शॉपिंग व बैंकिंग केवल सुरक्षित एवं एंटीवायरस वाले कंप्यूटर से ही करें।