
China निर्मित उत्पादों का बहिष्कार करें-यशवंत सिंह
मित्रों,
आपातकाल के दौरान तानाशाही के विरूूद्ध संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों ने महात्मा गाँधी जयंती के अवसर पर दो अक्तूबर 2017 को China (चीन) उत्पादित सामग्री के बहिष्कार का संकल्प एक बार फिर दोहराने का निर्णय लिया है।

इसके लिए लोकतंत्र सेनानी और लोकतंत्र समर्थक दो अक्तूबर को दारुलसफा के ब्लाक-बी के कामन हाल में जुटेगें और यहीं से एक जुलुस की शक्ल में जी0पी0ओ0 पार्क स्थित महात्मा गाँधी की मूर्ति के पास पहुचेंगे।
मित्रों, यह लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं,एक ताकतवर देश से हैं। यह देश China (चीन) है।
जो भारत की संप्रभुता और अर्थ व्यवस्था को निगलने में लगा है। जबकि भारत ने आजाद होने के साथ ही अपने पडोसी देश चीन से दोस्ती का हाथ बढ़ाया। भारत-चीन भाई भाई का नारा दिया और चीन ने दिया धोखा। हद तो तब हो गयी जब 20 अक्टूबर 1962 को China (चीन) ने भारत पर हमला बोल दिया। एक महीने तक युद्ध चला। और 20 नवम्बर 1962 को युद्ध समाप्त हुआ।
China (चीन) का भारत विरोध यहीं समाप्त नहीं हुआ। वह आगे भी भारत को हर अवसर पर धोखा देता रहा। पाकिस्तान को भारत के विरुद्ध हमेशा उकसाता रहा, उसकी मदद करता रहता है। इसलिए भारत विरोधी और पाक समर्थक China (चीन) को सबक सिखाने के लिए चीन उत्पादित सामग्रियों का बहिष्कार बहुत जरूरी है। जिसे अपना दायित्य मानकर लोकतंत्र सेनानी और लोकतंत्र समर्थक कर रहे हैं।
याद रहे कि हम लोग China (चीन) निर्मित वस्तुओं के बहिष्कार की शुरुआत पिछले वर्ष महात्मा गाँधी के जन्मदिन से किए थे। हम लोगों को यह बता रहे हैं कि हम लोग थोड़ा सा सस्ता के चक्कर में भारत की अर्थ व्यवस्था और संप्रभुता से समझौता कर रहे हैं। हम उन्हें यह भी बता रहें हैं कि चीन का सामान उनके एवं उनके परिवार के लिए भी हानिकारक हैं।
हम केवल बहिष्कार की बात नहीं कर रहे हैं। हम लोगों से अपील करेंगे कि वो भारतीय कारीगरों के द्वारा बनाये मॉल को ही खरीदें। इससे उनकी सेहत और देश की अर्थव्यवस्था दोनों ठीक रहेगी। हमारे इस अभियान का असर बीते वर्ष दशहरा और दिवाली पर ठीक से दिखा था। हम चाहते हैं, कि यह असर हमेशा दिखे।
मित्रों, चीन आक्रमणकारी देश है। उसने भारत के 38 हज़ार किलोमीटर क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है। यही नहीं,चीन भारत के पडोसी देश नेपाल, भूटान और वर्मा को भी अच्छी निगाह से नही देखता है। चीन ने तिब्बत पर बल पूर्वक कब्ज़ा कर रखा है। वहाँ पलायन किए लोग भारत में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। चीन ने अड़ंगा नही डाला होता तो भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन गया होता। भारत परमाणु आपूर्ति कर्ता समूह का भी सदस्य होता।
मित्रों,चीन भारत में अरबों-अरब का कारोबार करता है। हम देशवासी और देश की सरकारें चीन के हर कारोबार को देश में रोक दें तो उसकी अर्थ व्यवस्था डगमगा जाएगी। तब उसे बोध होगा कि भारत का विरोध करना अपराध है। यह हम लोगों की और से भारत-पाकिस्तान सीमा पर शहीद हुए भारतीय जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मित्रों,वर्तमान में पाकिस्तान आतंकवादियों का स्थायी ठिकाना हो गया है। पाकिस्तान का शासन प्रशासन, आतंकियों के इशारों पर चल रहा है। पाकिस्तान केवल भारत के लिए ही नहीं, सम्पूर्ण विश्व और इंसानियत के लिए खतरा है। इसलिए इंसानियत की रक्षा के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी करवाई जरुरी है। इस कार्रवाई में सबसे बड़ा बाधक चीन है।
इसलिए चीन को सबक सिखाने के लिए लोकतंत्र सेनानी और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले लोगों ने पिछले वर्ष 2 अक्टूबर 2016 को चीन निर्मित उत्पादों के बहिष्कार का सामूहिक रूप से संकल्प लिया। जिसे हम इस वर्ष भी दोहराने जा रहे हैं।
मित्रों,भारत देश और यहाँ के लोग विश्व—बंधुत्व की भावना को मानते हैं। और पूरी दुनिया को एक साथ मिल कर विकास के रास्ते पर चलने की इच्छा रखते हैं। लेकिन,जब कोई राष्ट्र अपनी शक्ति के बल पर हमारे देश भारत को दबाने और नुकसान करने के बारे में सोचता है,तो हम देशवासी उसका जबाब देना और उससे लड़ना जानते हैं। यह बहिष्कार इसी प्रतिकार का नाम है।
इसके लिए 2 अक्टूबर 2017 को महात्मा गाँधी जयंती के अवसर पर दिन में 12 बजे लोकतंत्र सेनानी और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले लोग, दारुलशफा से चल कर हज़रतगंज स्थित महात्मा गाँधी पार्क जायेंगे। वहाँ राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को नमन करने के बाद चीन निर्मित उत्पादों के बहिष्कार को जारी रखने का सामूहिक रूप से संकल्प लेंगे।
आभार के साथ,
यशवंत सिंह
लोकतंत्र सेनानी और पूर्व मंत्री,
उत्तर प्रदेश